मैनपाट में वनस्पति उद्यान
अंबिकापुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मिनी तिब्बत कहे जाने वाले मैनपाट में हरियाली बढ़ाने के लिये मुख्यमंत्री रमन सिंह ने वनस्पति उद्यान बनाने के लिये पांच करोड़ रूपए की मंजूरी दी है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने आलू अनुसंधान केन्द्र के लिए 135 एकड़ जमीन चिन्हांकित करने की भी जानकारी दी. मुख्यमंत्री मंगलवार को मैनपाट में सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने बैठक में जनप्रतिनिधियों से विचार-विमर्श के बाद मैनपाट में पांच करोड़ रूपए की लागत से वनस्पति उद्यान विकसित करने और इलाके में पर्यावरण संरक्षण तथा हरियाली बढ़ाने के लिए आम, अमरूद, कटहल आदि विभिन्न प्रजातियों के डेढ़ लाख फलदार वृक्षों के पौधे लगाने की स्वीकृति प्रदान की.
बैठक में बताया गया कि प्राधिकरण की स्थापना के बाद इसके कार्य क्षेत्र के सभी दस जिलों में वर्ष 2004-05 से वित्तीय वर्ष 2012-13 तक विगत नौ वर्षो में 313 करोड़ रूपए के पांच हजार 466 निर्माण और विकास कार्य मंजूर किए गए. इनमें से अब तक चार हजार 614 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं. पूर्णता का प्रतिशत 84.41 है. मुख्यमंत्री ने शेष 852 कार्यो का भी जल्द पूर्ण करवाने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैनपाट का प्राकृतिक परिवेश छत्तीसगढ़ में सैलानियों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र है. वहां के इस परिवेश को और ज्यादा हरा-भरा बनाने की जरूरत है. इसे ध्यान में रखकर इलाके में मानसून के दौरान वृक्षारोपण का सघन अभियान चलाया जाएगा. बैठक में जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के शासकीय जिला अस्पताल में डेढ़ करोड़ रूपए की लागत से आई.सी.यू. की स्थापना का निर्णय लिया गया.
मुख्यमंत्री ने बैठक में जनप्रतिनिधियों चर्चा के बाद सरगुजा प्राधिकरण के सभी जिलों में बस्तर प्राधिकरण की तरह आदिवासी किसानों के असाध्य सिंचाई पम्पों को बिजली का कनेक्शन देने के लिए अधिकतम अनुदान राशि एक लाख रूपए से बढ़ाकर डेढ़ लाख रूपए करने का ऐलान किया.
उन्होंने बैठक में सदस्यों से चर्चा के बाद सरगुजा प्राधिकरण के कार्य क्षेत्र के जिलों में 195 किसानों के असाध्य सिंचाई पम्पों के लिए एक करोड़ 31 लाख रूपए की मंजूरी तुरन्त प्रदान की. मुख्यमंत्री ने सदस्यों के प्रस्ताव पर अम्बिकापुर के रेल्वे स्टेशन से मैनपाट तक पर्यटकों के लिए बस यातायात सेवा शुरू करने का भी निर्णय लिया.
उन्होंने मैनपाट की तिब्बती बसाहटों में दस किलोमीटर सड़क निर्माण की भी स्वीकृति प्रदान कर दी. डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्राधिकरण क्षेत्र के सभी दस जिलों के एक-एक चयनित छात्रावास में प्रायोगिक तौर पर सौर ऊर्जा से चलने वाले गीजर लगाए जाएं और उनके सफल होने पर अन्य छात्रावासों में भी जरूरत के अनुसार इनकी स्थापना की जाए.
रमन सिंह ने बैठक में सरगुजा राजस्व संभाग के मुख्यालय अम्बिकापुर में मेडिकल कॉलेज खोलने की कार्रवाई की भी समीक्षा की और कहा कि इसके लिए सरगुजा विश्वविद्यालय तथा राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक अलग से आयोजित कर आवश्यक तैयारी की जाए. डॉ. रमन सिंह ने बैठक में जनप्रतिनिधियों को बताया कि आलू अनुसंधान केन्द्र खोलने के लिए बजट में मंजूरी दी जा चुकी है. जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए 135 एकड़ जमीन भी चिन्हांकित कर दी गयी है. अब इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए त्वरित कदम उठाने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि सरगुजा प्राधिकरण के जिलों के सरकारी अस्पतालों में बरसात से पहले एंटी स्नैक इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में रखे जाएं, ताकि सर्पदंश पीड़ितों का त्वरित इलाज हो सके. उन्होंने इसी कड़ी में शासकीय अस्पतालों में एंटी रेबिज इंजेक्शनों की भी पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. रमन सिंह ने सरगुजा प्राधिकरण क्षेत्र के विद्युत विहीन पुलिस थानों और पुलिस चौकियों में सौर ऊर्जा प्रणाली से बिजली की व्यवस्था करने की सैद्धांतिक स्वीकृति भी प्रदान कर दी.
बैठक में प्रदेश के मंत्री ननकी राम कंवर, चन्द्रशेखर साहू, रामविचार नेताम, बृजमोहन अग्रवाल, संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा, भैयालाल राजवाड़े, सरगुजा प्राधिकरण की उपाध्यक्ष रेणुका सिंह, लोकसभा सांसद मुरारी लाल सिंह, अम्बिकापुर विधायक टी.एस. सिंहदेव, सीतापुर विधायक अमरजीत भगत, भटगांव विधायक रजनी त्रिपाठी, लुण्ड्रा विधायक रामदेव राम, मुख्य सचिव सुनील कुमार, सचिव मुख्यमंत्री सुबोध सिंह, पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष कृष्ण कुमार राय, प्राधिकरण क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, सहित विभिन्न विभागों के सचिव एवं विभागाध्यक्ष, कमिश्नर एवं आईजी सरगुजा, प्राधिकरण क्षेत्र के जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.