छत्तीसगढ़

लापता बच्चे: सुको में छग के सीएस तलब

नई दिल्ली | एजेंसी: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बिहार और छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिवों को 30 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया. शीर्ष न्यायालय ने कहा गया कि पेशी के दिन वे न्यायालय को यह भी बताएं कि उन्होंने लापता बच्चों के मामले में दिए गए निर्देश का पालन क्यों नहीं किया. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एच.एल. दत्तू, न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी ने उन्हें 30 अक्टूबर को पेश होने के निर्देश दिए तथा उनसे कहा कि वे इस बात का जवाब दें कि लापता बच्चों का पता लगाने के संबंध में 2013 में दिए गए निर्देश का पालन उन्होंने क्यों नहीं किया.

न्यायालय ने यह आदेश गैर सरकारी संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की तरफ से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. संगठन ने लापता बच्चों का पता लगाने में राज्य सरकारों की तरफ से उठाए गए अपर्याप्त कदम पर यह याचिका दायर की थी.

सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश दत्तू ने कहा कि निर्देश देने के बावजूद एक महिला उनके पास चिल्लाते हुए आई और कहा कि उसका बच्चा लापता है और उसे ढूंढने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हर दिन समाचार पत्रों तथा टेलीविजन में बच्चों के गुम होने की खबरें आती हैं. इससे हमें बेहद दुख होता है.

बचपन बचाओ आंदोलन की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील एच.एस. फुलका ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 9,428 बच्चों के गुम होने की खबर है, जबकि इस संबंध में केवल 1,977 प्राथमिकी ही दर्ज की गई है.

वहीं बिहार में बीते तीन वर्षो में 2,036 बच्चों की गुमशुदगी दर्ज की गई है, जबकि इस मामले में केवल 1,180 प्राथमिकी ही दर्ज की गई है.

न्यायालय ने स्कूली बच्चों के बीच मादक पदार्थो के बढ़ रहे चलन को लेकर सभी राज्यों व केंद्र प्रशासित प्रदेश के प्रशासन को नोटिस जारी किया. नोटिस का जवाब 30 अक्टूबर से पहले देना होगा.

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