छत्तीसगढ़

वकील गैंग रेप: सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली | एजेंसी: सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर में महिला वकील के साथ कथित दुष्कर्म की रिपोर्ट सीजेएम से मांगी है. सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के जिला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को एक महिला वकील के साथ उसके पति के रिश्तेदारों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किए जाने की घटना के संबंध में पुलिस कार्रवाई की स्टेटस रिकार्ड सहित सभी रिकार्ड की रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है. पीड़ित महिला ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायाल परिसर में आत्महत्या की कोशिश की थी.

गौरतलब है कि बिलासपुर के तिलकनगर की यह महिला वकील अपने पति से अलग रहती हैं. महिला ने सिविल लाइन थाने में धारा 498 के तहत अपने ससुराल वालों के खिलाफ प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. महिला का आरोप है कि पिछले साल 29 नंवबर को महिला वकील के जेठ राकेश श्रीवास्तव, उसका बेटा अंशुल श्रीवास्तव व एक अन्य व्यक्ति राजकुमार शर्मा रायपुर से पहुंचे औऱ उन्होंने महिला के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया.

महिला वकील ने इस मामले में अगले दिन 376 घ, 452, 506 एवं 323,34 के तहत मामला दर्ज करवाया था लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. इससे क्षुब्ध हो कर महिला ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पहुंच कर आत्महत्या की कोशिश की.

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि इस समय राम मनोरहर लोहिया अस्पताल में भर्ती महिला वकील को सुरक्षा दी जाएगी.

न्यायालय ने कहा कि पीड़िता मामले में किसी भी तरह की कानूनी मदद के लिए ‘दिल्ली लीगल एड सोसायटी’ से संपर्क कर सकती है.

पीड़िता ने सर्वोच्च न्यायालय को अपने पति के रिश्तेदारों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म का शिकार होने की घटना की शिकायत पर पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई न किए जाने के बारे में अवगत कराते हुए न्याय मांगा था. पीड़िता ने कहा था कि अन्याय से तंग आकर उसने अपनी फिनाइल की गोली खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की थी.

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