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सुकमा हमले पर विज ने खोले राज

रायपुर | संवाददाता : बुरकापाल में हुये माओवादी हमले को लेकर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरके विज ने कई राज खोले हैं.छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन की कमान संभाल चुके आर के विज ने कहा है कि जिस दिन बुरकापाल हमला हुआ था, उस दिन सुबह तक मौके पर कोई भी माओवादी उपस्थित नहीं था. विज के इस बयान से पहले दावा किया गया था कि बुरकापाल में पहले से ही सैकड़ों माओवादी छुपे हुये थे और इसकी तैयारी कई महीनों से चल रही थी.

गौरतलब है कि सुकमा ज़िले के बुरकापाल में नक्सलियों के एंबुश में सीआरपीएफ के 25 जवान मारे गये थे. इस हमले को लेकर कहा गया था कि नक्सली बुरकापाल में हमले के लिये ढाई महीने से तैयारी कर रहे थे.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आर के विज ने रायपुर से प्रकाशित दैनिक नवभारत में एक लेख में कहा है कि बुरकापाल में जब सुरक्षाबल प्रातः पुलिया के पास पहुंचे तो उस वक्त वहां माओवादी मौजूद नहीं थे. परंतु सुरक्षाबलों के लंबे समय तक वहां रूकने के कारण माओवादियों को न केवल उनकी खबर लग गई बल्कि वे एकजुट होकर बड़ी संख्या में चुपके से बुरकापाल तक पहुंच गये और सुरक्षाबलों को इसकी भनक तक नहीं लग सकी. चूंकि सुकमा के अंदरूनी क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की तैनाती नहीं है, इसलिये घटना के बाद भागते समय उन्हें घेरना मुश्किल था.

विज ने कहा है कि सरकार की सुरक्षा व विकास नीति में कोई दोष नहीं है. हाल ही में 8 मई की बैठक में विकास एवं सुरक्षाबलों की कार्यवाही में आक्रामकता लाने की बात कही गई है अर्थात् सभी कार्यों को मिशन-मोड़ में अंजाम दिया जाना जरूरी है. उन्होंन कहा है कि सुरक्षाबलों की क्षमता में कोई कमी नहीं है, परंतु अपने प्रशिक्षण व टैक्टिक्स को और सुदृढ़ करना होगा. आक्रामक ऑपरेशनों में क्षेत्र व भाषा को जानने वाले स्थानीय बलों को साथ रखना होगा.

अपने लेख में विज ने कहा है कि सुकमा के अंदरूनी क्षेत्रों में परिवहन व संचार के साधन सीमित होने से रातो-रात सूचनाओं की गुणवत्ता में अत्यधिक वृद्धि होने की अपेक्षा करना अव्यवहारिक होगा परंतु इसमें सुधार के रास्ते हमेशा खुले रखने होंगे. सुरक्षाबलों को बढ़ाने के साथ-साथ उनकी रणनीतिक तैनाती पर भी ध्यान देना होगा ताकि माओवादियों के उन्मुक्त रूप से घूमने वाले क्षेत्र सीमित किये जा सके.

विज ने कहा है कि सुकमा का चिंतलनार क्षेत्र माओवादियों की राजधानी के रूप में जाना जाता है. माओवादियों का बटालियन कमांडर हिड़मा इसी इलाके के पूवर्ती गांव का निवासी है. इसी क्षेत्र में माओवादियों के सेंट्रल कमेटी के सदस्य भी डेरा डाले रहते हैं.

सुकमा में माओवादियों के खिलाफ लड़ाई को महत्वपूर्ण बताते हुये विज ने कहा है कि यदि इस इलाके से माओवादियों के पांव उखड़ने लगेंगे तो निश्चय ही वे पूरी ताकत के साथ इसका प्रतिरोध करेंगे क्योंकि उनका आधार क्षेत्र उनके हाथ से निकलने लगेगा. इसमें कोई दो राय नहीं कि माओवादियों के विरूद्ध अंतिम लड़ाई सुकमा में ही होगी और यह लड़ाई जीती भी जायेगी.

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