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छत्तीसगढ़ में गोली मार कर जवान ने की आत्महत्या

कोंडागांव | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित कोंडागांव जिले में रविवार को 27 वर्षीय कांस्टेबल ने अपनी सर्विस पिस्टल से गोली मारकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली.

पुलिस ने दावा किया है कि मृतक मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या से पीड़ित था.

पुलिस के अनुसार बस्तर फाइटर्स के कांस्टेबल हरिलाल नाग ने उरंदाबेड़ा थाना क्षेत्र के बरदा गांव में अपने घर में सुबह अपनी सर्विस पिस्टल से खुद को गोली मार ली.गोली की आवाज सुनकर उसके परिवार के सदस्य उसके कमरे में पहुंचे और उसे बिस्तर पर मृत पाया.

पुलिस के अनुसार धनोरा थाने में तैनात नाग किसी अज्ञात कारण से पास के गांव में अपने घर गया था.नाग के पिता ने पुलिस को बताया कि वह किसी तरह की मानसिक बीमारी से पीड़ित था, लेकिन इसकी विस्तृत जानकारी अभी नहीं मिल पाई है.

पुलिस के अनुसार कांस्टेबल आत्महत्या के पीछे की सटीक वजह का पता लगाने के लिए आगे की जांच की जा रही है.

छत्तीसगढ़ में पिछले पांच महीनों में सीआरपीएफ, बीएसएफ और सशस्त्र सीमा बल समेत विभिन्न बलों के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आत्महत्या की यह आठवीं घटना है.

छत्तीसगढ़ में अगस्त से 7 जवानों की मौत

छत्तीसगढ़ में पिछले 26 अगस्त से अब तक इस तरह की घटनाओं में 7 जवानों के मौत की घटना सामने आ चुकी है.

26 अगस्त को दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ के प्राधान आरक्षक ने अपने सर्विस राइफल एकके-47 से अपने आप को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.

वे उत्तरराखंड के रहने वाले थे और 2000 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे.

जवान का नाम विपिन्द्र चन्द्र था. वह सीआरपीएफ 195 बटालियन मुख्यालय बारसूर में पदस्थ थे.

इसी तरह 27 अगस्त को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में सशस्त्र सीमा बल के जवान ने अपने इंसास राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.

जवान मनोज कुमार 28वीं बटालियन में पदस्थ थे. वह अंतागढ़ से जनरल ड्यूटी कर एसएसबी मुख्यालय भिलाई आये थे.

भिलाई में ड्यूटी के दौरान उन्होंने अपनी कनपटी पर गोली मार ली थी. मनोज हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के रहने वाले थे.

कनपटी पर राइफल रख चला दी गोली

इन दोनों घटना के सप्ताह भर बाद 3 सितंबर को सशस्त्र सीमा बल के ही एक और जवान ने खुदकुशी कर ली.

उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी राकेश कुमार छत्तीसगढ़ के कांकेर में पदस्थ थे. उनकी ड्यूटी कोसरोंडा कैंप में लगी थी.

उसी दौरान उन्होंने अपनी सर्विस राइफल से सिर पर गोली मारकर जान दे दी थी.

इस घटना के बाद 3 सितंबर को ही कांकेर जिले में एक एसएसबी जवान ने अपने सर्विस राइफल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी.

जवान राकेश कुमार नक्सल प्रभावित कोसरोंडा 33 बटालियन कैम्प में पदस्थ थे. वह उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले थे.

इसी तरह 5 सितंबर को कांकेर में पुलिस जवान ने अपने सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली थी.

जवान जागृत भंडारी लोहत्तर थाने में पदस्थ थे. उन्होंने थाने में ही अपनी कनपटी पर राइफल रख कर गोली चला दी थी.

गोली जवान के सिर के आरपार निकल गई थी. जवान को गंभीर हालत में रायपुर भेजा गया था.

साथियों पर कर दी फायरिंग

14 सितंबर शनिवार को सीआरपीएफ जवान ने अपनी सर्विस राइफल से बाथरूम में जाकर खुद को गोली मार ली.

जवान विपुल भूयान असम के रहने वाले थे और दो दिन पहले ही छुट्टी से वापस आए थे.

वह सीआरपीएफ के 226 बटालियन में पदस्थ थे और गादीराम कैंप में तैनात था.

18 सितंबर को छत्तीसगगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में एक सीएएफ जवान ने अपने ही साथियों पर फायरिंग कर दी थी.

गोली लगने से 2 जवानों की मौत हो गई थी. वहीं एक जवान घायल हो गया था. यह घटना सीएएफ की 11वीं बटालियन की है.

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