रोहिंग्या से हमेें संवेदना-सू ची
नई दिल्ली | संवाददाता: रोहिंग्या मुसलमानों पर म्यांमार की आंग सांग सू ची ने चुप्पी तोड़ी है. सू ची ने कहा है कि वो रोहिंग्या मुसलमानों से बात करना चाहती हैं, ताकि जान सकें कि मुसलमान म्यांमार छोड़कर क्यों जा रहे हैं. सू ची ने कहा कि रोहिंग्या संकट से निपटने के लिए उनकी सरकार की हो रही अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं से उन्हें डर नहीं लगता है.
म्यांमार के उत्तरी रख़ाइन प्रांत में 25 अगस्त को रोहिंग्या संकट की शुरुआत के बाद सू ची पहली बार देश को संबोधित कर रही थीं. रखाइन में जारी हिंसा के कारण चार लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश पलायन कर चुके हैं.
उन्होंने कहा कि ज्यादातर मुसलमानों ने रख़ाइन नहीं छोड़ा है और हिंसा अब खत्म हो गई है. इस संकट पर अपने रवैये को लेकर सू ची को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. सू ची ने कहा कि वो ये भाषण इसलिए दे रही हैं क्योंकि इस हफ्ते होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिंस्सा नहीं ले पाएंगी.
उन्होंने कहा कि रख़ाइन में हिंसा के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं, उन पर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी. सू ची ने दावा किया कि ज़्यादातर मुस्लिम गांव अस्तित्व में हैं. सभी लोगों ने पलायन नहीं किया है. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों को यहां आने का निमंत्रण देते हैं.
सू ची ने कहा कि रख़ाइन में अमन और शांति बहाल करने के लिए सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है. हम ये जानना चाहते हैं कि ये क्यों हुआ और इसके लिए पलायन करने वाले लोगों से हम बातचीत के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि रख़ाइन में जो कुछ हुआ, म्यांमार को उसके लिए गहरी संवेदना है. बांग्लादेश जा रहे मुसलमानों के लिए हम चिंतित हैं.