छात्र सीख रहे तनाव प्रबंधन के गुर
हरिद्वार | एजेंसी: उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय की ओर से विभिन्न राज्यों में कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं, जिनमें छात्र तनाव प्रबंधन के गुर सीख रहे हैं. विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या के आह्वान पर छात्रों का दल इन दिनों इनटर्नशिप के तहत देशभर में सेवा कार्य में जुटा है. देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं समाज के पुनरुत्थान के लिए तीन माह से एक वर्ष तक का समय इनटर्नशिप के रूप में दे रहे हैं. इनटर्नशिप पाठ्यक्रम का अनिवार्य अंग है.
विश्वविद्यालय की ओर से युवाओं को दिशाधारा देने का प्रयास निरंतर चल रहा है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में तनाव प्रबंधन एवं युवा दिशाधारा पर कार्यशालाएं चल रही हैं.
झारखंड के चाईबासा से लौटे युवाओं के प्रेरक डॉ. अश्विनी कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड में कई स्थानों पर तनाव प्रबंधन कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिनमें हजारों छात्रों ने तनाव प्रबंधन के गुर सीखे.
उन्होंने बताया कि आज युवा हताशा और निराशा के शिकार हो रहे हैं. उनको तनाव प्रबंधन की आवश्यकता है. इसी उद्देश्य से राज्यभर के स्कूल कॉलेजों में तनाव प्रबंधन कार्यशालाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें बड़ी संख्या में युवा जुड़ रहे हैं.
डॉ. सिंह ने कहा कि तनाव प्रबंधन साधना, संयम और संतोष से ही संभव है. उन्होंने कुलाधिपति एवं प्रतिकुलपति से भेंट कर कहा कि झारखंड के जमशेदपुर, चाईबासा आदि स्थानों पर 30,000 से अधिक युवाओं ने गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की ऋषि प्रणीत विचारधारा को अपनाने का संकल्प लिया.