स्वास्थ्य

पोलियो वायरस का खतरा टला नहीं है

नई दिल्ली | एजेंसी: देश में पोलियो वायरस का खतरा पोलियो खतरा अभी टला नहीं नहीं है. ऐसा पोलियो उन्मूलन की दिशा में 20 वर्षो से जनस्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में काम करने वाले बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव टंडन का कहना है.

उनका कहना है कि पिछले तीन वर्षो के दौरान पोलियो का एक भी मामला भारत में दर्ज नहीं होने की वजह से इस साल मई में देश को पोलियो मुक्त राष्ट्र घोषित किया गया, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि देश में पोलियो वायरस का खतरा लौटने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.

डॉ. टंडन ने कहा, “जब तक भारत के पड़ोसी देशों-पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो वायरस का संक्रमण जारी रहेगी तब तक अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं के माध्यम से भारत में भी बीमारी का संक्रमण लौटने का खतरा बरकरार रहेगा.”

पिछले महीने 27 जून को दिल्ली के ताज होटल में डॉ. टंडन को पोलियो उन्मूलन के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए वैश्विक अवार्ड से सम्मानित किया गया. वह रोटरी इंटरनेशनल रीजनल अवॉर्ड पाने वाले दुनिया भर की छह हस्तियों में एकमात्र चिकित्सक हैं.

रोटरी फाउंडेशन ट्रस्टी के अध्यक्ष डांग कुर्न ली द्वारा द रोटरी इंटरनेशनल रीजनल सर्विस अवॉर्ड फॉर पोलियो फ्री वल्र्ड से नवाजे जाने के अवसर पर डॉ. टंडन ने कहा, “सीमापार आवागमन के दौरान पोलियो वायरस देश न आए इसके लिए दिशानिर्देश तो हैं, लेकिन इसका उपयुक्त क्रियान्वयन एक बड़ा मुद्दा है. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पोलियो प्रभावित किसी भी देश से भारत में प्रवेश करने वाले को यहां पहुंचते ही पोलियो वायरस का टीका दिया जाए.”

टंडन ने कहा कि इसके साथ ही हमें पोलियो उन्मूलन के बेहतरीन तरीके को उन अन्य देशों के साथ भी साझा करना चाहिए, जहां अब भी पोलियो वायरस का संक्रमण बरकरार है. इस समस्या से छुटकारा पाने का एक ही नियमित तरीका है, और वह है पूरी दुनिया को पोलियो मुक्त बनाना.

पोलियो अभियान को मिली सफलता पर टंडन ने कहा कि इस अभियान में प्रतिबद्धता, धन एवं जज्बे की कमी नहीं रही और यही इसकी सफलता का राज है.

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव टंडन रोटरी आईएमए यूएसएड, सेव द चिल्ड्रेन, भारत सरकार, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और जी8 देशों की दानदाता एजेंसियों के माध्यम से पिछले 20 वर्षो से पोलियो उन्मूलन अभियान से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं.

टंडन संयुक्त राष्ट्र महासभा की पोलियो उन्मूलन और वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिजीजेज की विशेषज्ञ सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे हैं. वह वैश्विक जन स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में भारत की ओर से साउदर्न वॉइस के तौर पर भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

उल्लेखनीय है कि पोलियो, पोलियोमाइलाइटिस संक्रमण को जड़ से उखाड़ने के लिए दुनिया भर में जन स्वास्थ्य अभियान की शुरुआत 1988 के आस-पास विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और रोटरी फाउंडेशन द्वारा की गई थी.

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