स्टेच्यू आफ यूनिटी के बहाने
केवाडिया | समाचार डेस्क: भाजपा के नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को स्टेच्यू आफ यूनिटी के बहाने कांग्रेस को जमकर कोसा. उन्होंने कहा कि “सरदार पटेल को किसी राजनीतिक पार्टी से जोड़ना उनके साथ बड़ा अन्याय होगा. कांग्रेस पार्टी उनके जीवन का एक हिस्सा थी और इतिहास तथा मोदी इससे इंकार नहीं कर सकता.”
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल को कांग्रेसी बताने के बयान पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमें अपनी धरोहर नहीं बांटना चाहिए.”
कांग्रेस के इस आरोप का कि मोदी सरदार पटेल की विरासत को हड़पना चाहते हैं, जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि राणा प्रताप, भगत सिंह और शिवाजी जैसे नेता भाजपा के नहीं वरन सभी के आदर के पात्र हैं.
मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने देश को अस्पृश्यता से मुक्त कराने के लिए संघर्ष किया लेकिन राजनीतिक अस्पृश्यता अभी भी बरकरार है. “हमको इस राजनीतिक अस्पृश्यता को खत्म करने के लिए प्रयास करना चाहिए या नहीं.”
मोदी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल को धर्मनिरपेक्ष करार दिया था. “मैं उनकी इस टिप्पणी का स्वागत करता हूं. देश को सरदार पटेल वाली धर्मनिरपेक्षता की जरूरत है न कि वोट बैंक की धर्मनिरपेक्षता की.”
मोदी ने कहा कि सरदार पटेल धर्मनिरपेक्ष थे लेकिन सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण में उनकी धर्मनिरपेक्षता आड़े नहीं आई.
नरेंद्र मोदी के साथ एक ही मंच पर उपस्थित भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने एक बार फिर उनकी प्रशंसा की. सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा की नींव रखते हुए आडवाणी ने कहा कि ‘लौह पुरुष’ ने 1947 में देश की आजादी के बाद राष्ट्र को एकजुट किया.
उन्होंने कहा, “इसके कारण ही मोदी ने सरदार पटेल की एक विशाल प्रतिमा का निर्माण करने का वादा किया है जो स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से भी बड़ी होगी. इससे हम सभी को खुशी और गर्व है.”
आडवाणी ने मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुने जाने पर बधाई दी और कहा कि वह अपना गर्व और खुशी सभी से साझा करना चाहते हैं.
आडवाणी ने कहा कि यदि 1947 में अंग्रेजों के देश को 565 छोटी-बड़ी रियासतों को संप्रभुता का अधिकार देने के बाद सरदार पटेल जैसा नेता नहीं होता तो भारत न केवल विभाजित ही वरन विघटित भी हो गया होता.