कोयला ब्लॉक से राज्यों को फायदा
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: कोयला ब्लॉक नीलामी से गरीब राज्यों की झोली भरेगी. उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ तथा झारखंड जैसे राज्यों में कोल ब्लॉकों की भरमार है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भी कोल ब्लॉक है जिनकी नीलामी होनी हैं. केन्द्र सरकार इन नीलामी से प्राप्त रकम का एक हिस्सा उन राज्यों को देने जा रही है जहां पर कोल ब्लॉक स्थित हैं. कोयला संसाधन से समृद्ध देश के गरीब राज्यों को वर्तमान कोयला ब्लॉक नीलामी से अप्रत्याशित लाभ होगा. यह बात केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने मंगलवार को कही. स्वरूप ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, “नीलामी चौथे दिन जारी रही.”
उन्होंने कहा, “अप्रत्याशित लाभ. कोयला ब्लॉक नीलामी से गरीब राज्यों को होगा फायदा.”
मंगलवार को जिन ब्लॉकों की नीलामी है, उनमें मध्य प्रदेश के अमेलिया ब्लॉक को बिजली क्षेत्र के लिए आरक्षित किया गया है. पश्चिम बंगाल के अर्धग्राम खदान और छत्तीसगढ़ के चोटिया खदान को गैर-नियमित क्षेत्र के लिए रखा गया है.
अमेलिया के लिए 10 कंपनियां बोली लगा रही हैं, जिनमें हैं अडानी पॉवर, भारत एल्युमिनियम कंपनी, एस्सार पॉवर मध्य प्रदेश, जीएमआर छत्तीसगढ़ एनर्जी, जीवीके पॉवर गोइंदवाल साहिब लिमिटेड, जयप्रकाश पॉवर वेंचर्स, जिंदल पॉवर, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, रतनइंडिया पॉवर और रिलायंस जियोथर्मल पॉवर.
अर्धग्राम खदान के लिए बोली लगाने वाली पांच कंपनियों में हैं ईस्टर्नरेंज कोल माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड, मोनेट इस्पात एंड एनर्जी लिमिटेड, ओसीएल आयरन एंड स्टील लिमिटेड, एसएस नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड और वीसा स्टील लिमिटेड.
चोटिया खान के लिए बोली लगाने वाली कंपनियों में हैं बाल्को, गड़वारी पॉवर एंड इस्पात लिमिटेड, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, प्रकाश इंडस्ट्रीज, रुं गटा माइंस और अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड.
पहले चरण में 19 ब्लॉकों की नीलामी की जा रही है. नीलामी 22 फरवरी तक चलेगी.