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राहुल की ‘जासूसी’!

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: राहुल गांधी के कथित ‘जासूसी’ के मुद्दे पर भाजपा तथा कांग्रेस में ठन गई है. कांग्रेस ने जहां सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर ‘जासूसी’ करवाने का आरोप लगया वहीं, भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस के पास मुद्दों की कमी है इसलिये तिल का ताड़ बना रही है. सोमवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की जासूसी का मामला राज्यसभा में उठाया गया. विपक्ष ने इस मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बयान की मांग की. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने मुद्दे को उठाते हुए कहा कि देश में धार्मिक स्वतंत्रता और राजनीतिक स्वतंत्रता की स्थिति खराब होती जा रही है. इन तमाम तर्को के बाद भी सवाल उठता है कि एसपीजी सुरक्षा प्राप्त राहुल गांधी को ‘जासूसी’ की क्या जरूरत है.

आजाद ने सदन में पूछा, “क्या सरकार इस तरह जासूसी के हथकंडे अपना कर राजनीतिक पार्टियों को धमकाने की कोशिश कर रही है? क्या सरकार यह कहने की कोशिश कर रही है कि यदि हम सदन के भीतर या बाहर अपनी आवाज उठाएंगे तो वह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को दबाने के लिए किसी भी तरह का हथकंडा अपनाएगी.”

उन्होंने कहा, “देश में धार्मिक स्वतंत्रता का ह्रास हो रहा है और अब राजनीतिक स्वतंत्रता भी खत्म हो रही है. केंद्रीय गृहमंत्री को इस मामले में बयान देना चाहिए.”

पिछले सप्ताह पुलिस राहुल गांधी के कार्यालय पहुंची थी और उनकी शारीरिक रूपरेखा, मसलन उनकी लंबाई, आंखों व बालों के रंग आदि के बारे में जानकारी हासिल की थी.

इस दौरान दिल्ली पुलिस ने इस घटना को एक नियमित प्रक्रिया बताया, जबकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक जासूसी की संज्ञा दी.

सदन के नेता अरुण जेटली ने इस पर कहा, “आप लोग इस मामले को तिल का ताड़ बना रहे हैं.” कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कथित जासूसी को लेकर से लोकसभा में पार्टी के हंगामे पर जेटली ने कहा, “एक पूर्व प्रधानमंत्री जिनकी हत्या हो गई थी, उनके शव की पहचान उनके जूते से की गई थी.”

उन्होंने कहा, “इसलिए, किस तरह के जूते आप पहनते हैं, यह कांग्रेस पार्टी को आज हास्यास्पद लग सकता है, लेकिन सुरक्षा उद्देश्य से यह आवश्यक है.”

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बारे में सूचना इकट्ठी करने की दलील देते हुए जेटली ने कहा, “अगर यह जासूसी है, तो वे इसे करते रहेंगे. यदि वे आपके घर आते हैं और कुछ जानकारियां फार्म में भरने को कहते हैं, तो वह जासूसी नहीं है. यह सुरक्षा के उद्देश्य से किया जाता है.”

कांग्रेस को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा, “मैं समझ सकता हूं, आपके पास मुद्दे की कमी है. लेकिन बिना बात के मुद्दे मत बनाइए.”

कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय से जवाब मांगा था कि पुलिस ने राहुल के बारे में क्यों जानकारियां मांगी थी? जबकि भाजपा ने जांच को नियमित करार देते हुए कांग्रेस पर सुरक्षा जांच को मुद्दा बनाने का आरोप लगाया था.

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