सौम्या चौरसिया की जमानत अर्जी खारिज
रायपुर। संवाददाताः छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले में जेल में बंद निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज हो गई है.
गुरुवार को सुनवाई के बाद एसीबी/ ईओडब्ल्यू की फर्स्ट एडीजे कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिखा था, लेकिन कुछ ही देर बाद फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी.
बचाव पक्ष के वकील हर्षवर्धन परघनिया और फैजल रिजवी ने कोर्ट में पिछली न्यायिक रिमांड डेट पर ईओडब्ल्यू के पत्र का हवाला देते हुए अपना पक्ष रखा.
उन्होंने कहा कि ईओडब्ल्यू ने खुद अपने प्रस्तुत पत्र में अभियुक्त को न्यायिक रिमांड पर रखने की आवश्यकता नहीं बताई है.
साथ ही ईडी के एफआईआर और ईओडब्ल्यू की एफआईआर में कहीं भी पद का दुरुपयोग करने के सबूत नहीं हैं.
बचाव पक्ष के वकील ने पिछले दिनों एक युवक द्वारा जम्मू-कश्मीर में खुद को प्रधानमंत्री का करीबी बताकर घूमने के मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि “मामले में प्रधानमंत्री के पद का दुरुपयोग करने वाले को गिरफ्तार किया गया न कि प्रधानमंत्री को.”
बचाव पक्ष के वकील हर्षवर्धन परघनिया और फैजल रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई न्याय दृष्टांत प्रस्तुत कर जमानत का लाभ देने का अनुरोध किया.
सुनवाई में एसीबी की ओर से डा. सौरभ कुमार पांडेय और बचाव पक्ष के वकील हर्षवर्धन परघनिया और फैजल रिजवी के बीच करीब एक घंटे तक बहस चली.
सुनवाई के बाद एसीबी/ ईओडब्ल्यू की फर्स्ट एडीजे की कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया, लेकिन कुछ ही घंटे बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए जमानत याचिका को खारिज कर दिया.
540 करोड़ से अधिक के घोटाले का आरोप
सौम्या चौरसिया और अन्य लोगों पर छत्तीसगढ़ में 540 करोड़ से भी अधिक की अवैध कोयला लेवी की वसूली का आरोप ईडी और आयकर विभाग ने लगाया था.
आरोप है कि राज्य सरकार के अधिकारियों, नेताओं और कारोबारियों ने कोयला परिवहन में प्रति टन 25 रुपये की अवैध वसूली शुरु की थी.
इसके लिए ऑनलाइन कोयला परिवहन की अनुमति के नियम तक को बदल दिया गया था. जो परिवहनकर्ता अवैध पैसा देता था, उसे ही परिवहन की ऑफलाइन अनुमति दी जाती थी.
इस मामले में ईडी ने कांग्रेस नेता और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सबसे करीबी अधिकारी सौम्या चौरसिया को गिरफ़्तार किया गया था.
साथ ही सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, खनिज अधिकारी शिवशंकर नाग, राजेश चौधरी और संदीप नायक को आरोपी बनाया था, उनकी गिरफ़्तारी की गई थी.
डेढ़ साल से जेल में हैं बंद
तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 को कोयला लेवी घोटाला और कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ़्तार किया गया था.
साल 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी 44 साल की सौम्या चौरसिया उसके बाद से ही जेल में बंद हैं.
इस दौरान उन्होंने कई बार जमानत की कोशिश की लेकिन हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने उनकी जमानत याचिका ठुकरा दी गई.
पिछले साल 14 दिसंबर को तो सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया था.