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सोनी सोरी ने कांग्रेस में शामिल होने से किया इंकार

रायपुर | संवाददाता: दंतेवाड़ा की सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी क्या कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगी ? कमसे कम राजनीतिक गलियारे में तो यही चर्चा है. हालांकि सोनी सोरी ने अभी कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की बात से इंकार किया है.

हालांकि शनिवार को राज्य सरकार के मंत्री कवासी लखमा के सोनी सोरी के घर पहुंचने और भोजन करने की ख़बर रायपुर पहुंचने के साथ ही चर्चा का दौर शुरु हो चुका है. इससे पहले सोनी सोरी राहुल गांधी से भी मिल चुकी हैं और वे लगातार कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं.

कभी आम आदमी पार्टी में रही सोनी सोरी ने कहा कि अभी किसी राजनीतिक दल में शामिल होने का इरादा नहीं है. अभी वे सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर ही काम करेंगी.

उन्होंने कहा कि राज्य के मंत्री कवासी लखमा के साथ उनके परिवार के साथ तब के रिश्ते हैं, जब कवासी लखमा और सोनी सोरी के पिता गाय-बैल बेचने का काम करते थे. सोनी सोरी ने कहा कि पिता की इच्छा थी कि कवासी लखमा घर आएं.

सोनी सोरी ने कहा कि उनकी राहुल गांधी से बहुत पहले मुलाकात हुई थी और राहुल गांधी ने कहा था कि उनके जैसी सामाजिक कार्यकर्ताओं को समाज की बेहतरी के लिए सामने आना चाहिए. इसके अलावा राहुल गांधी ने सोनी सोरी से उनके कामकाज की भी जानकारी ली थी.

आदिवासी नेता सोनी, हाल के दिनों में तब चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने सिलगेर में पुलिस कैंप के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन में गोलीबारी के बाद आक्रोशित आदिवासियों के लगभग महीने भर से चल रहे आंदोलन को खत्म करवाने की घोषणा की थी.

इस आंदोलन के कारण राज्य सरकार की देश भर में काफी किरकिरी हो रही थी. ऐसे में सोनी सोरी की पहल से राज्य सरकार को काफी राहत मिली थी.

हालांकि सोनी सोरी को इसकी क़ीमत आदिवासियों के एक बड़े वर्ग की नाराजगी के तौर पर उठानी पड़ी थी. यहां तक कि सोनी सोरी 28 जून को 17 आदिवासियों के मारे जाने की बरसी के आयोजन में सारकेगुड़ा भी नहीं पहुंची थीं.

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