बुर्का या बिकिनी, मेरी मर्जी
मुंबई | मनोरंजन डेस्क: सोनम कपूर ने कहा है मैं बुर्का पहनू या बिकिनी, मेरी मर्जी.
हाल ही में एक इवेंट में पहने ड्रेस के कारण चर्चा में आई सोनम कपूर ने कहा सबको अपने ड्रेस पंसद करने का हक है. सोनम कपूर सेंसरशिप में विश्वास नहीं करती है. सोनम ने कहा, “हर लड़की का खुद का निर्णय होना चाहिये कि वो बिकिनी पहना चाहती हैं या बुर्का. यही बात उनके धर्म, कपड़ें, पढ़ाई और शादी पर भी लागू होती है. आप जितना लोगों पर प्रतिबंध लगायेंगे वो उतने ही आक्रमक होते जायेंगे”
सोनम ने आगे कहा, “हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का हिस्सा हैं इसलिये लोगों को उनके मर्जी के हिसाब से जीने का हक होना चाहिये.”
गौरतलब है कि हाल ही में जीने और पहनावे के तरीके पर भद्दे कमेंट करने वालों तथा पहनाये के आधार पर लड़की पर राय कायम करने वालों के खिलाफ ‘रेजर’ अभियान चल रहा है. कई तारिकाओं ने रेजर के साथ अपनी तस्वीर इंस्टाग्रम पर साझा की है. ‘रेजर’ इस बात का प्रतीक है कि पुरुषों को अपनी सोच का हजामत करा लेना चाहिये.
बैडमिंटन प्लेयर ज्वाला गट्टा- ‘उन सभी लोगों के लिये जो हमें हमारे कपड़ों से जज करते हैं. अपनी सोच की हजामत कर लो.”
टीवी एक्ट्रेस जेनिफर लिखती हैं, ”याद रखिये. जब आप एक महिला को उसके भेष से जज करते हैं. इससे उस महिला के बारे में नहीं, आपके बारे में पता चलता है.”
दरअसल, समाज में पुरुष आइने के पीछे खड़ा होता है और औरत सामने. जिसमें उसकी स्कर्ट की लंबाई, उसके जूते के हिल, उसके बालों के रंग, होठों पर लगी लिपस्टिक के रंग से उसका कैरेक्टर तय किया जाता है.
समाज में लड़कों से कभी नहीं पूछा जाता है उसने अब तक कितनी लड़कियों को छेड़ा है, कितने के साथ रेप किया है, क्या पहनता है, क्या पीता है. क्योंकि वह आइने के पीछे खड़ा होता है. जहां से कुछ भी आइने में नहीं दिखता है. इसलिये समाज भी अपनी आखें बंद कर लेता है.