भूमि विधेयक के खिलाफ एकजुटता
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: मोदी सरकार के भूमि विधेयक के खिलाफ 14 ने मार्च किया. लोकसभा चुनाव के पहले तथा बाद में जिन विपक्षी दलों ने आपस में दूरी बना ली थी वे अब सड़कों पर एकजुट नज़र आ रहें हैं. सड़कों पर विपक्षी दलों की एकता यदि संसद में भी बनी रहें खासकर राज्यसभा में तो यह भाजपा सरकार के लिये परेशानी का सबब हो सकता है. केंद्र सरकार के विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ लगभग सभी विपक्षी दलों ने विरोधी सुर अख्तियार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च किया और विधेयक को ‘किसान विरोधी’ बताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से इस पर सरकार का साथ न देने का अनुरोध किया. पैदल मार्च में शामिल जनता दल युनाइटेड के नेता शरद यादव ने कहा, “यह आर-पार की लड़ाई है.”
राष्ट्रपति भवन पहुंचकर शरद यादव ने कहा, “यह एक बड़े युद्ध की शुरुआत है, जिसे देश के कोने-कोने में फैलाया जाएगा.”
भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में राष्ट्रपति भवन तक 14 विपक्षी दलों द्वारा निकाले गए पैदल मार्च का नेतृत्व करने के बाद कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को कहा कि पूरा विपक्ष सरकार द्वारा लाए गए विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक को निरस्त कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
पूर्व प्रधानमंत्री के साथ पैदल मार्च कर राष्ट्रपति भवन पहुंचने के बाद सोनिया ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से सरकार के भूमि विधेयक का साथ न देने की अपील की है, क्योंकि यह विधेयक किसानों के हितों के खिलाफ है.
सोनिया ने कहा, “लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष एवं अग्रगामी ताकतें नरेंद्र मोदी सरकार की रणनीति को ध्वस्त करने के प्रति कटिबद्ध हैं.”
सोनिया के नेतृत्व में विपक्षी दलों के करीब 100 सांसदों ने ‘नरेंद्र मोदी होश में आओ’ तथा ‘मोदी सरकार हाय हाय’ के नारे लगाते हुए संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक लगभग एक किलोमीटर पैदल मार्च निकाला.
सोनिया की अगुवाई में 14 राजनीतिक दलों ने इस पैदल मार्च में हिस्सा लिया, जिसमें समाजवादी पार्टी , जनता दल युनाइटेड, जनता दल सेकुलर, डीएमके, कम्युनिस्ट पार्टियां, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्य शामिल थे.
शरद यादव ने कहा कि मंगलवार के पैदल मार्च ने सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर दिया है, जो लोकसभा चुनाव के बाद बिखर गया था.
शरद यादव ने कहा, “यह किसानों का देश है. किसानों ने ही इस देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाया है. उनसे उनकी जमीनें छीनना पाप है.”
विपक्षी दलों के सांसद संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास एकत्र हुए और राष्ट्रपति भवन की ओर पैदल मार्च शुरू किया. मार्च के दौरान सांसद ‘किसानो विरोधी, नरेंद्र मोदी’ के नारे लगा रहे थे.
तृणमूल नेता डेरेक ओब्रायन ने पत्रकारों से कहा, “यह एक ऐतिहासिक मार्च है. सभी विपक्षी दल एकजुट हैं और हमें उम्मीद है कि मोदी सरकार इस मार्च को देख रही होगी.”
विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति को भूमि अधिग्रहण, पुनस्र्थापन एवं पुनर्वास संशोधन विधेयक-2015 में उचित मुआवजा एवं पारदर्शिता के अधिकार के खिलाफ 28 सांसदों के हस्ताक्षर वाला एक ज्ञापन सौंपा.