98 स्मार्ट सीटी घोषित
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के दो शहर रायपुर और बिलासपुर स्मार्ट सीटी बनेंगे. आज शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने देश में प्रस्तावित 98 स्मार्ट सीटी की घोषणा की. पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के 7 शहरों को स्मार्ट सीटी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में 13 शहरों को स्मार्ट सीटी बनाया जाएगा.
शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि 98 शहरों में 24 राजधानियां शामिल हैं. स्मार्ट सिटी की लिस्ट में उत्तर प्रदेश के 13 शहर, राजस्थान के 4 शहर, आंध्र प्रदेश, पंजाब और बिहार के तीन-तीन शहर, गुजरात के 6 शहर, महाराष्ट्र 10 के शहर, तमिलनाडु के 12 शहर, मध्य प्रदेश के 7 शहर, पश्चिम बंगाल के 4 शहर, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, ओडिशा व हरियाणा के दो-दो शहर, कनार्टक के 6 शहर, दिल्ली, केरल, झारखंड, गोवा, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़ के एक-एक शहर शामिल हैं.
नायडू के अनुसार 100 स्मार्ट सिटी पर अगले पांच साल में 48,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. वहीं, अमृत शहरों को मिलाकर कुल इन्वेस्टमेंट 96,000 करोड़ रुपए का होगा. पहले चरण में 20 स्मार्ट सिटी और दूसरे चरण में 80 स्मार्ट सिटी का निर्माण होगा.
इस मिशन में 100 शहरों को शामिल किया जाएगा और इसकी अवधि पांच साल यानी 2015-16 से 2019-20 की होगी. उसके बाद शहरी विकास मंत्रालय द्वारा मूल्यांकन किए जाने एवं प्राप्त अनुभवों को शामिल किये जाने के साथ मिशन को जारी रखा जा सकता है. एक सौ स्मार्ट शहरों की कुल संख्या एक समान मापदंड के आधार पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच वितरित किया गया है. इस वितरण फार्मूला का इस्तेमाल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अमृत के तहत धनराशि के आवंटन के लिए भी किया गया है.
शहरी विकास मंत्रालय ने यह तय कर दिया है कि देश के किस राज्य से कितने शहर स्मार्ट सिटीज प्रोजेक्ट के लिए चुने जाएंगे. जिसमें से सबसे ज्यादा 13 स्मार्ट सिटीज उत्तर प्रदेश में होंगी. तमिलनाडु के 12 और महाराष्ट्र के 10 शहरों को स्मार्ट सिटीज के तौर पर विकसित किया जाएगा. मध्य प्रदेश के सात और गुजरात और कर्नाटक के छह-छह शहर स्मार्ट सिटी बनेंगे. कुल मिलाकर देश भर में 100 स्मार्ट सिटीज विकसित करने की योजना है, लेकिन प्राथमिकता किसे मिलेगी, ये इंटर-सिटी कंपिटिशन में शहरों के स्मार्ट सिटी प्लान पर निर्भर करेगा. इस साल के आखिर तक 20 शहरों को स्मार्ट सिटीज के लिए चुना जाएगा, जबकि बाकी 80 शहरों के चयन का काम 2017-18 तक पूरा कर लिया जाएगा.
रैंकिंग में सबसे ऊपर आए 20 स्मार्ट सिटीज के बाद बाकी 80 शहरों को खुद के प्लान में सुधार का मौका दिया जाएगा. 100 स्मार्ट सिटीज के अलावा देश भर से अब तक 476 शहरों की पहचान अमृत योजना के लिए की गई है. ये सारे शहर कम से कम एक लाख की आबादी वाले होंगे. इन शहरों को बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से मदद मिलेगी.
स्मार्ट सिटी के वितरण की समीक्षा मिशन के कार्यान्वयन के दो साल बाद की जाएगी. चुनौती में राज्यों / शहरी स्थानीय निकायों के प्रदर्शन के आकलन के आधार पर राज्यों के बीच शेष संभावित स्मार्ट शहरों में से कुछ का पुनःआवंटन शहरी विकास मंत्रालय द्वारा किया जा सकेगा.
स्मार्ट सिटी मिशन एक केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में संचालित किया जाएगा और केंद्र सरकार द्वारा मिशन को पांच साल में 48,000 करोड़ रुपये, करीब प्रति वर्ष प्रति शहर 100 करोड़ रुपये औसत वित्तीय सहायता देने का प्रस्ताव है.