राष्ट्र

पाकिस्तान में कत्लेआम, 21 मरे

पेशावर | समाचार डेस्क: पाकिस्तान के बाचा खान विश्वविद्यालय पर हुये हमले में कम से कम 21 लोग मारे गए. हमलावरों की संख्या चार बताई गई है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने चारसड्डा जिले में स्थित इस विश्वविद्यालय पर हमले की जिम्मेदारी ली है. सुरक्षाकर्मियों ने पांच घंटे चली मुठभेड़ के दौरान सभी हमलावरों को मार गिराया.

तबतक आतंकवादी कई विद्यार्थियों, रसायन शास्त्र के एक प्रोफेसर, चार सुरक्षा गार्ड और एक पुलिसकर्मी सहित 21 लोगों की जान ले चुके थे. हमले के दौरान सैकड़ों विद्यार्थी और अन्य लोग परिसर से भाग खड़े हुए या फिर कक्षाओं के अंदर खुद को बंद कर लिया.

हमला सुबह लगभग 9.30 बजे उस समय हुआ, जब कोई 3,000 विद्यार्थी और विश्वविद्यालय के कर्मचारी 600 अतिथियों के साथ खान अब्दुल गफ्फार खान की पुण्यतिथि पर आयोजित कविता पाठ के लिए जमा हुए थे. गफ्फार खान को बाचा खान के नाम से भी जाना जाता है.

प्रख्यात गांधीवादी बाचा खान महात्मा गांधी के घनिष्ठ सहयोगियों में थे.

छात्रा आयत इब्राहिम ने कहा कि वह विश्वविद्यालय के साउथ ब्लॉक में प्रवेश कर रही थी, उसी समय गोलीबारी की पहली आवाज और तेज विस्फोट सुनाई दिया. आतंकवादियों ने हथगोले भी फेंके.

छात्रा ने पेशावर से टेलीफोन पर कहा, “मैंने लोगों को चीखते हुए इधर-उधर भागते और जमीन पर गिरे देखा.”

इब्राहिम ने कहा कि हमलावर जिसे भी देखते थे, उसपर अंधाधुंध गोलीबारी करते थे. छात्रा ने कहा कि अन्य लोगों की तरह वह भी विश्वविद्यालय परिसर में खड़ी बस की ओर भागी. बस जैसे ही भरी चालक तेज रफ्तार से बस को बाहर ले भागा.

प्रत्यक्षदर्शियों और अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादी विश्वविद्यालय की चारदीवारी लांघ कर अंदर पहुंचे और वे गोलीबारी करते हुए विभिन्न दिशाओं में फैल गए.

दो हमलावर इमारत की छत पर चढ़ गए थे, जिन्हें सेना के निशानेबाजों ने मार गिराया. मीडिया रपटों में कहा गया है कि हमलावर आत्मघाती जैकेट पहने हुए थे, लेकिन विस्फोट से पहले ही उन्हें मार डाला गया.

मुठभेड़ के दौरान सेना के हेलीकॉप्टर आसमान में थे. सेना के इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस के डीजी, जनरल असीम बाजवा ने बाद में कहा, “अभियान समाप्त हो चुका है और विश्वविद्यालय पूरी तरह हमलावरों से मुक्त हो गया है. चार हमलावर मारे जा चुके हैं.”

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हमले की ‘कड़े शब्दों’ में निंदा की है.

प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है, “बाचा खान विश्वविद्यालय में हुए आतंकवादी हमले की दुखद घटना से प्रधानमंत्री बहुत दुखी हैं. इस हमले में कई अनमोल जानें चली गईं, और कई अन्य घायल हो गए.”

बयान में आगे कहा गया है, “प्रधानमंत्री ने कायराना हमले की निंदा करते हुए कहा कि बेगुनाह विद्यार्थियों और नागरिकों की जान लेने वाले लोगों का कोई धर्म नहीं है.” नवाज इस समय ज्यूरिख में हैं.

उन्होंने बयान में कहा है, “हम अपनी मातृभूमि से आतंकवाद के खतरे का सफाया करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता के प्रति दृढ़ संकल्पित हैं.”

इस बीच, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस भयानक हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है, और पीड़ित परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है.

मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “पाकिस्तान के बाचा खान विश्वविद्यालय पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. मृतकों के परिजनों के प्रति शोक संवेदना. घायलों के लिए ईश्वर से प्रार्थना.”

‘डॉन’ की रपट के अनुसार, टीटीपी के गीदार समूह के प्रवक्ता उमर मंसूर ने एक सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए हमले की जिम्मेदारी ली है. पोस्ट में कहा गया है कि विश्वविद्यालय में हमले के लिए चार हमलावर भेजे गए थे.

लेकिन टीटीपी के प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने थोड़ी ही देर बाद हमले की निंदा की और इसे शरिया के खिलाफ बताया. टीटीपी कई धड़ों में बंट गया है.

प्रांत के मुख्यमंत्री परवेज खट्टक इस समय स्कॉटलैंड दौरे पर हैं, और उन्हें दौरा बीच में छोड़ यथासंभव जल्द से जल्द पाकिस्तान लौटने के लिए कहा गया है.

क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान खान ने कहा कि वह विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था में किसी चूक के बारे में जानने के लिए खुद घटनास्थल का दौरा करेंगे. इमरान खबर पख्तूख्वा प्रांत के ही रहने वाले हैं.

इसके पहले पेशावर में सेना द्वारा संचालित एक स्कूल पर 16 दिसंबर, 2014 को हुए हमले की जिम्मेदारी टीटीपी ने ली थी. इस हमले में 150 से अधिक लोग मारे गए थे, जिसमें अधिकांश विद्यार्थी थे.

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