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गर्भाशय और स्तन कैंसर से छत्तीसगढ़ में हर दिन 6 की मौत

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में गर्भाशय और स्तन कैंसर से हर दिन 6 महिलाओं की मौत हो रही है. मौतों का यह आंकड़ा, आबादी के लिहाज से दूसरे राज्यों की तुलना में कहीं अधिक है.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर के अनुसार 2014 में छत्तीसगढ़ में 1358 महिलाओं की स्तन कैंसर से मौत हुई थी.

2023 में मौत के इस आंकड़े में 26.43 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई.

अकेले 2023 में राज्य में स्तन कैंसर से 1717 महिलाओं की मौत हुई.

यानी अकेले स्तन कैंसर से हर दिन राज्य में 4 से अधिक महिलाओं की मौत हो गई.

ये वो आंकड़े हैं, जो अस्पताल के दरवाज़े तक पहुंचे.

चिकित्सकों का मानना है कि इन आंकड़ों से कई गुना अधिक मामले, दूर-दराज के गांवों की सरहद से कभी बाहर निकल ही नहीं पाते.

जागरुकता की कमी के कारण अधिकांश मामलों में तो कैंसर पीड़ित की जांच तक नहीं हो पाती.

कई मामलों में महिलाओं का संकोच भी आड़े आता है.

ऐसे में इनके इलाज की तो बात ही दूर है.

भारत की बात करें तो 2023 में भारत में स्तन कैंसर से मरने वाली महिलाओं की संख्या 82,429 थी.

इनमें सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश की थी, जहां पिछले साल इससे 11,451 महिलाओं की मौत हुई थी.

हर साल गर्भाशय कैंसर के मामले भी बढ़े

इसी तरह गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के मामले भी लगातार बढ़ते गये हैं.

छत्तीसगढ़ में 2014 में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से 565 महिलाओं की मौत हुई थी.

2023 में इस आंकड़े में 26.54 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई और यह आंकड़ा 715 तक जा पहुंचा.

आंकड़े को देखें तो समझ में आता है कि लगभग हर दिन, दो महिलाएं गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के कारण मौत के मुंह में समा गईं.

देश में 2023 में गर्भाशय कैंसर से 35,691 महिलाओं की मौत हो गई.

इनमें सर्वाधिक मौत की घटनाएं उत्तरप्रदेश में हुईं, जहां पिछले साल 4,763 महिलाओं की गर्भाशय कैंसर से मौत हुई.

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