कवर्धा जेल पहुंचे सिंहदेव, कहा-निर्दोष बंद हैं
रायपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि कवर्धा की लोहारीडीह में हिंसा की घटना प्रशासनिक असफलता का परिणाम है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने निर्दोष लोगों को इस मामले में फंसाया है.
बुधवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव कवर्धा जेल पहुंचे और उन्होंने गांव में हुई हिंसा में गिरफ़्तार लोगों से मुलाकात की.
जेल में बंद लोगों से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि घटना के समय जो लोग गांव में नहीं थे, उन लोगों को जेल में डाल दिया गया है. दोषियों पर कार्रवाई हो लेकिन निर्दोष लोगों को रिहा करना चाहिए.
पूर्व उपमुख्यमंत्री सिंहदेव ने कहा कि इस मामले में बंद 34 लोगों से चर्चा हुई है. शिव साहू और कचरू की एमपी में मौत हुई थी. पांच लोग शिव साहू के शव का पोस्टमार्टम करवाने रात भर एमपी में रूके थे. वे लोग घटना के समय गांव में थे ही नहीं तो उन पर कार्रवाई कैसे की गई.
उन्होंने बताया कि लोगों से बातचीत में यह भी पता चला है कि शिव और कचरू के शरीर पर चोट के निशान थे. गमछे पर खून के दाग लगे हुए थे. इसे लेकर कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही है.
इससे पहले मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कवर्धा जिला जेल पहुंचे थे.
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई बड़े नेता लोहारीडीह का दौरा कर पीड़ित परिवार से मुलाकात कर चुके हैं.
क्या हुआ था
गौरतलब है कि कबीरधाम ज़िले के रेंगाखार थाना अंतर्गत लोहारीडीह में रहने वाले कचरु साहू का शव पिछले रविवार फंदे पर लटका मिला था.
गांव वालों ने गांव के ही एक व्यक्ति रघुनाथ साहू पर हत्या की आशंका जताते हुए उसके घर पर हमला कर दिया.
गांव वालों ने मिलकर कथित तौर पर रघुनाथ साहू के परिवार को जिंदा जलाने की कोशिश की और घर में आग लगी दी.
बाद में पुलिस ने जले हुए घर से रघुनाथ साहू का शव बरामद किया था.
पुलिस पर गंभीर आरोप
इस घटना के बाद पुलिस ने गांव में लोगों के साथ बर्बर तरीके से मारपीट की थी.
बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में लिया गया था.
ज़िले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव के निर्देश पर महिलाओं और छोटे बच्चों को भी बुरी तरह से मारा गया था.
पुलिस अधिकारी द्वारा नाबालिग बच्ची को पीटने का आदेश देना न केवल कानून के शासन के उल्लंघन का मामला है, बल्कि मानवाधिकारों का खुला अपमान भी है। पुलिस की भूमिका समाज में शांति और न्याय स्थापित करने की होती है, न कि निर्दोष लोगों पर अत्याचार करने की। इस प्रकार की घटनाएं पुलिस… pic.twitter.com/C20lAZvXZX
— Jaydas Manikpuri (@JayManikpuri2) September 19, 2024
ग्रामीणों का आरोप है कि इस मामले में गिरफ़्तार युवक प्रशांत साहू को पुलिस ने हिरासत में पीट-पीट कर मार डाला.
युवक की संदिग्ध मौत के आरोप के बाद बुधवार देर रात एएसपी विकास कुमार को निलंबित कर दिया गया था.
एएसपी विकास कुमार लोहारीडीह आगजनी और हत्याकांड की जांच कर रहे थे. इसके बाद रेगांखार थाने का पूरा स्टॉफ, कलेक्टर और एसपी का तबादला कर दिया गया था.