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आतंकवादी मारे गये हैं- शिवराज

भोपाल | समाचार डेस्क: शिवराज सिंह ने कहा जो मारे गये वो आतंकवादी थे. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिमी के कथित आतंकवादियों के इनकाउंटर पर सवाल उठाने वाले विपक्षी दलों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है, “वे शहीदों के बारे में कुछ नहीं कहेंगे… ये लोग दुर्दांत आतंकवादी थे… ये मारे मारे गए… हमें नहीं पता, ये बाहर जाकर कितना आतंक फैलाते… फिर भी उनका बचाव किया जा रहा है… मैं इस तरह की राजनीति की निंदा करता हूं..”

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “हमारे लिए देश सर्वोपरि है देश की सुरक्षा सर्वोपरि है. मैं तो यही अपील करता हूं कि ऐसी घटनाओं पर घटिया राजनीति से बाज आयें. शहीद रमाशंकर यादव के परिवार की पूरी चिंता सरकार करेगी.”

इससे पहले शिवराज सिंह चौहान भोपाल सेंट्रल जेल से रविवार रात को भागे कैदियों द्वारा मार डाले गये हेड कॉन्स्टेबल रामशंकर यादव के परिवार से मिलने उनके घर गए थे. रामशंकर यादव की बेटी का विवाह जल्द ही होने वाला है.

उल्लेखनीय है कि रविवार रात को लगभग 2 बजे सिमी के आठ सदस्यों ने एक गार्ड को बांध दिया, स्टील की प्लेटों से तैयार किये तीखे हथियार से हेड कॉन्स्टेबल रामशंकर यादव का गला रेत दिया, और चादरों को एक साथ जोड़कर 30 फुट ऊंची दीवार फांद गये. बाद में जेल से लगभग आठ किलोमीटर दूर एक पहाड़ी जंगल वाले इलाके में फरार कैदियों को तलाश कर लिया गया, और मार गिराया गया.

एनकाउंटर की जांच के लिये विपक्षी दलों द्वारा उठाई जा रही मांगों के बीच वीडियो भी सामने आये हैं, जिनसे पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल उठ खड़े हुये हैं.

एक वीडियो में एक पुलिस वाला एक निश्चेष्ट शरीर पर गोली चलाता दिखाई दे रहा है, जबकि एक अन्य वीडियो से ऐसा संकेत मिलता लगता है कि फरार कैदियों ने आत्मसमर्पण की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें मार डाला गया.

उधर, मारे गये आतंकियों के वकील परवेज आलम का कहना है, “ये मुठभेड़ फ़र्ज़ी है. मैं हाई कोर्ट जाऊंगा. सीबीआई जांच कराने की मांग करूंगा. दरअसल, पुलिसवालों को अपना सिरदर्द ख़त्म करना था.”

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा है कि आठों लोगों का दीपावली की रात फ़रार होना और फिर भोपाल के पास ही आठ-नौ घंटे तक छिपे रहना शक पैदा करता है.

सरकार और सरकारी आधिकारियों की ओर से आये बयानों के बावजूद कुछ सवाल हैं जिनके जवाब अभी तक नहीं मिले हैं:

*क्या 35 से 40 फ़ीट दीवार को चादर की मदद से फांदा जा सकता है औऱ क्या ये चादरें इतना वज़न उठा सकती हैं?

*एक ही बैरक में सभी अभियुक्तों को साथ क्यों रखा गया?

*अगर अभियुक्तों को भागना था तो रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड की ओर जाना चाहिये था न कि ऐसे इलाके में जो गांव है?

*कथित मुठभेड़ के दौरान इन अभियुक्तों के पास कैसे हथियार थे? और वो हथियार कहाँ से आये?

*क्या इन्हें ज़िंदा पकड़ने की कोशिश की गई थी?

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