चिट्ठी- ‘आप’ में महिलाओं का शोषण
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: ‘आप’ के अंदर से नेताओं के कथित सेक्स आचरण का विरोध हो रहा है. आम आदमी पार्टी हाल ही में दिल्ली के मंत्री संदीप कुमार के सेक्स सीडी कांड से उबर नहीं पाई है कि अब पंजाब में टिकट के बदले महिलाओं के शारीरिक शोषण का आरोप लगना शुरु हो गया है. पार्टी के एक विधायक ने आरोप लगाया है कि पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिये टिकट दिलाने के नाम पर महिलाओं का कथित रूप से शोषण किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के बिजवासन से विधायक कर्नल देवेंद्र सेहरावत ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर अपनी ही पार्टी के सीनियर नेताओं पर गंभीर आरोप लगाये हैं. इस चिट्ठी में उन्होंने पार्टी नेता आशुतोष की संदीप कुमार के समर्थन करने पर आलोचना की है और फिर पार्टी के दूसरे बड़े नेता दिलिप पांडे, संजय सिंह पर भी संगीन आरोप लगाये हैं.
बिजवासन सीट से विधायक देवेंद्र सहरावत ने खत में कहा कि हालात छवि खराब करने वाले बन रहे हैं और खराब तत्वों को हटाने के लिए कार्रवाई किए जाने की ज़रूरत है.
…..मुझे रिपोर्ट मिली है कि पंजाब में विधानसभा टिकट दिलवाने के बदले में महिलाओं का शोषण किया जा रहा है. मैं जमीनी हकीकत जानने के लिए चंडीगढ़ के लोगों से मिला हूं. दिलीप पांडे यही काम दिल्ली में कर रहे हैं. ये मंडली पार्टी को नुकसान पहुंचायेगी.”
उन्होंने लिखा है, ” स्थिति अब अपमानजनक और ना बचाव करने योग्य हो चुकी है. पार्टी के भीतर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है. संदीप कुमार के समर्थन में आशुतोष द्वारा पेश की गई सफाई हमारे मूल्यों के खिलाफ हैं और किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है. मुझे रिपोर्ट मिली है कि पंजाब में विधानसभा टिकट दिलवाने के बदले में महिलाओं का शोषण किया जा रहा है. मैं जमीनी हकीकत जानने के लिए चंडीगढ़ के लोगों से मिला हूं. दिलीप पांडे यही काम दिल्ली में कर रहे हैं. ये मंडली पार्टी को नुकसान पहुंचायेगी.”
जब उनसे पूछा गया कि वो किस के लिये कह रहे हैं तो उन्होंने जवाब दिया आशुतोष, पंजाब में पार्टी प्रभारी संजय सिंह और दिलिप पांडे. उन्होंने केजरीवाल को चिट्ठी में लिखा कि उन्हें लोगों के यह बताना चाहिये कि हमें अभी भी विश्वास है कि हम राजनीति को बदल सकते हैं.
गौरतलब है कि यह वही देवेंद्र सहरावत हैं, जिन्होंने आम आदमी पार्टी से प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को निकाले जाने के तरीके के खिलाफ भी आवाज़ उठाई थी.