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ढाका मार्च के चलते सुरक्षा कड़ी

ढाका | समाचार डेस्क: प्रमुख विपक्षी दल बीएनपी की विरोध रैली के कारण रविवार को ढ़ाका में सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध किये गये हैं. गौरतलब है कि बंग्लादेश का विपक्ष 5 जनवरी को होने वाले संसदीय चुनाव को रोकने की मांग पर अड़ा हुआ है. इस मांग के समर्थन में 18 पार्टियों का गठबंधन बना है जिसका मुख्य घटक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी है.

उल्लेखनीय है कि 18 पार्टियों के गठबंधन वाला विपक्ष चाहता है कि घोषित चुनाव को रद्द किया जाए. विपक्ष की मांग है कि गैरदलीय अंतरिम सरकार चुनाव का प्रबंधन देखे जिसे प्रधानमंत्री शेख हसीना ने खारिज कर दिया है.

रैली के मद्देनजर शनिवार को राजधानी की ओर आने वाली सभी परिवहन सेवाएं रोक दी गई थीं. ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि उन्हें सत्ताधारी पार्टी की ओर से निर्देश मिला है कि दो दिन के लिए सभी परिवहन सेवाएं रोक दी जाएं जिससे विपक्ष के रैली में भीड़ जुटाने की मंशा को निष्फल किया जा सके. सत्ताधारी अवामी लीग पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे ढाका के सभी आठ प्रवेश द्वारों की सुरक्षा करें जिससे कि रैली को विफल किया जा सके.

शेख हसीना

शेख हसीना बांग्लादेश के राष्ट्रपिता मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं. उनके पिता,मां और तीन भाई 1975 के स्वतंत्रता संग्राम में मारे गए थे. 80 के दशक में बांग्लादेश में जनरल इरशाद के सैनिक शासन के ख़िलाफ़ जो मुहिम छिड़ी, उसके दौरान उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा. जनरल इरशाद के बाद भी उन्हें जनरल की पत्नी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की ख़ालिदा ज़िया से कड़ी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ कड़वी और लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी.

1996 में शेख हसीना ने चुनाव जीता था. उसके बाद उन्हें विपक्ष में भी बैठना पड़ा. उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा. उन पर एक बार जान लेवा हमला भी हुआ जिसमें वे बाल बाल बच गईं लेकिन उस हमले में 20 से भी ज़्यादा लोगों की मौत हो गई. एक बार फिर बांग्लादेश राजनीति के गहरे भँवर में फंस गया और देश की बागडोर सेना-समर्थित सरकार ने संभाल ली. इस सरकार ने शेख हसीना पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उनका ज्यादातर वक्त हिरासत में ही गुज़रा.

इस बीच वे अपने इलाज के लिए अमरीका भी गईं और ये अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि वे जेल से बचने के लिए शायद वापस लौट कर ही ना आएँ. लेकिन वे वापस लौटीं और 2008 में हुए संसदीय चुनावों में विजय प्राप्त की. वर्तमान में शेख हसीना बंग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं.

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