छत्तीसगढ़ में बढ़ गई स्कूल छोड़ने वालों की संख्या
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में बीच में ही पढ़ाई छोड़ने वाले नौवीं-दसवीं के लड़कों की औसत वार्षिक दर 22.7 है. हालांकि पिछले कुछ सालों में स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों की संख्या में गिरावट आई है. राज्य में नौवीं-दसवीं की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाली लड़कियों की दर केवल 14 है.
यह दिलचस्प है कि ओडिशा जैसे पड़ोसी राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की औसत दर दुगनी है.
राज्य में 2017-18 की तुलना में 2018-19 में प्राथमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने वालों की संख्या दर फिर से बढ़ गई है.
यूडीआईएसई के आंकड़ों के अनुसार 2016-17 में बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले प्राथमिक शाला की बालिकाओं की औसत वार्षिक दर 3.1 थी, जबकि बालकों की औसत वार्षिक दर 3.4 थी. यह कुल 3.3 थी. लेकिन माध्यमिक स्तर की पढ़ाई के दौरान स्कूल छोड़ने वाले बालकों की दर 26.1 और बालिकाओं की दर 22.4 थी. माध्यमिक स्तर की पढ़ाई के दौरान स्कूल छोड़ने वाले कुल बच्चों की वार्षिक औसत दर 24.2 थी.
2017-18 में बदलाव आया और प्राथमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने वाले बालिकाओं की औसत दर कम हो कर 1.9 हो गई, जबकि बालकों में यह दर 2.2 हो गई. प्राथमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने वालों की दर 1.9 थी. यह पिछले साल की तुलना में लगभग आधी थी. माध्यमिक स्तर पर भी स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी आई. माध्यमिक स्तर की पढ़ाई के दौरान स्कूल छोड़ने वाले बालकों की दर 23.0 और बालिकाओं की दर 19.7 थी. माध्यमिक स्तर की पढ़ाई के दौरान स्कूल छोड़ने वाले कुल बच्चों की वार्षिक औसत दर 21.4 पर पहुंच गई थी.
लेकिन 2018-19 में छत्तीसगढ़ में स्कूल छोड़ने वाले आंकड़े में फिर बढ़ोत्तरी हो गई.
आंकड़ों के अनुसार प्राथमिक स्तर यानी कक्षा 1 से 5वीं तक स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में फिर से बढ़ोत्तरी हो गई और यह आंकड़ा 3.4 प्रतिशत पर जा पहुंचा. इनमें स्कूल छोड़ने वाले बालकों की औसत दर 3.3 थी और बालिकाओं कि संख्या 3.5 थी.
इस दौरान माध्यमिक शिक्षा के आंकड़े थोड़ी राहत वाले रहे. 2018-19 में माध्यमिक स्तर यानी नौंवी और दसवीं में स्कूल छोड़ने वालों की औसत दर घट कर 18.3 हो गई. इनमें बालिकाओं की संख्या 14 रही, जबकि बालकों की दर 22.7 रही.