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सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका फिर खारिज

रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रहीं सौम्या चौरसिया की जमानत फिर से खारिज हो गई है. हाईकोर्ट ने तीसरी बार उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी.

सौम्या चौरसिया ने इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट से आईएएस रानू साहू और सुनील अग्रवाल की जमानत को इस बार आधार बनाया था. इसके अलावा लंबे समय तक मामले के चलते रहने का हवाला देते हुए जमानत की मांग की गई थी.

अदालत ने सुनवाई के बाद फ़ैसला सुरक्षित रखा था.

लेकिन बुधवार को जमानत याचिका खारिज कर दी गई.

540 करोड़ से अधिक के घोटाले का आरोप

सौम्या  चौरसिया और अन्य लोगों पर छत्तीसगढ़ में 540 करोड़ से भी अधिक की अवैध कोयला लेवी की वसूली का आरोप ईडी और आयकर विभाग ने लगाया था.

आरोप है कि राज्य सरकार के अधिकारियों, नेताओं और कारोबारियों ने कोयला परिवहन में प्रति टन 25 रुपये की अवैध वसूली शुरु की थी.

इसके लिए ऑनलाइन कोयला परिवहन की अनुमति के नियम तक को बदल दिया गया था. जो परिवहनकर्ता अवैध पैसा देता था, उसे ही परिवहन की ऑफलाइन अनुमति दी जाती थी.

इस मामले में ईडी ने कांग्रेस नेता और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सबसे करीबी अधिकारी सौम्या चौरसिया को गिरफ़्तार किया गया था.

साथ ही सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, खनिज अधिकारी शिवशंकर नाग, राजेश चौधरी और संदीप नायक को आरोपी बनाया था, उनकी गिरफ़्तारी की गई थी.

डेढ़ साल से जेल में हैं बंद

तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 को कोयला लेवी घोटाला और कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ़्तार किया गया था.

साल 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी 44 साल की सौम्या चौरसिया उसके बाद से ही जेल में बंद हैं.

इस दौरान उन्होंने कई बार जमानत की कोशिश की लेकिन हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने उनकी जमानत याचिका ठुकरा दी गई.

पिछले साल 14 दिसंबर को तो सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया था.

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