शारदा चिट फंड से 22 नेता लेते थे 80 लाख
कोलकाता | संवादताता: चिट फंड कंपनी शारदा ग्रुप के मालिक सुदीप्तो सेन ने सनसनीखेज आरोप लगाया है कि उन्हें राजनीतिक दल और अधिकारी ब्लैकमेल करते रहे हैं. तृणमूल के सांसद, मंत्री समेत कुल 22 नेताओं को वे हर लाख 80 लाख रुपये देते थे. सुदीप्तो सेन ने सीबीआई को लिखे पत्र में ये सारे आरोप लगाये हैं.
अपनी फरारी से पहले सीबीआई को लिखी 18 पन्नों की चिट्ठी में सुदीप्तो सेन ने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस के दो राज्यसभा सांसदों सुजॉय घोष व कुणाल घोष और असम सरकार के एक मंत्री समेत 22 लोगों ने मुझसे लगातार दबाव बना कर लाभ उठाया. उसने अपने पत्र में लिखा है कि वह खुद को लाचार महसूस कर रहे हैं और ऐसी हालत में किसी भी वक्त आत्महत्या कर लेंगे.
इधर तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने शारदा कंपनी के निवेशकों को राहत देने के लिए 500 करोड़ रुपये का फंड बनाने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को इस बात का ऐलान किया. हजारों करोड़ रुपये के चिटफंड घोटाले पर अपने सरकार का बचाव करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यामंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि विपक्ष इस मामले को राजनीतिकरण कर रहा है.
दूसरी ओर केंद्र सरकार ने कहा है कि चिटफंड बिजनेस की देखरेख में केंद्र की कोई भूमिका नहीं है. इसे देखना राज्य सरकारों का ही काम है. भारत में इसे चिट फंड ऐक्ट, 1982 के तहत रेग्युलेट किया जाता है. इस कानून के तहत चिटफंड को सिर्फ संबंधित राज्य ही रजिस्टर और रेग्युलेट कर सकता है. पश्चिम बंगाल की कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है.