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देश के कई हिस्सों में बारिश का कहर

नई दिल्ली। संवाददाताः इस बार जुलाई के पहले ही हफ्ते में बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखा दिया है. लेकिन कई राज्यों के लिए यह सूखे वाला पखवाड़ा साबित हो रहा है.

असम, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तराखंड, यूपी सहित कई प्रदेश बाढ़ से जूझ रहे हैं. सैकड़ों लोगों की जान चली गई है तो कई बेघर हो गए हैं. जीवन अस्त-व्यस्त होने से इन राज्यों में हाहाकार मचा हुआ है.

देश के असम में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. बदले मौसम की सबसे खतरनाक मार असम झेल रहा है.

बीते एक हफ्ते से भारी बारिश, तूफान, जलभराव और बाढ़ ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है. लगातार हो रही बारिश से ब्रह्मपुत्र नदी में जलस्तर बढ़ गया है. बाढ़ के चलते लोग अपने घरों को छोड़कर अस्थाई घरों में रहने को मजबूर हैं. यहां के 27 जिलों में लगभग 19 लाख लोग प्रभावित हैं. कई लोगों की जाने चली गई हैं.

उत्तराखंड में भारी लैंडस्लाइड

उत्तराखंड में बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड से भारी तबाही हुई है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से घरों में पानी घुस गया है. सड़कें तालाब में तब्दील हो गयी हैं.

नानक सागर से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. जिसके चलते नानक सागर डैम का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. लिहाजा डैम के सभी गेट खोल दिए गए हैं.

नानक सागर डैम के पानी से अब यूपी के कई हिस्सों में बाढ़ से हालात बिगड़ सकते हैं.

उत्तराखंड के जोशीमठ बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पूरी पहाड़ी टूट गई है. कई पुल-पुलिया टूट गए हैं. जिससे क्षेत्र में संचार व्यवस्था ठप्प हो गई है.

चारधाम यात्री भी बड़ी संख्या में फंस गए हैं. मार्ग के दोनों ओर यात्री बैठे हुए हैं.

बिहार का नेपाल कनेक्शन

बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. नेपाल में भारी बारिश के बाद कोसी बैराज के 56 गेट खोले गए हैं. बांध से करीब 3 लाख 94 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है, जिससे कोसी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.

बाढ़ का पानी नदी के आसपास के गांवों को अपनी चपेट में ले रहा है. सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं. हजारों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. कोसी में बढ़ रहे जलस्तर की वजह से सुपौल, सहरसा और मधेपुरा जैसे जिलों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.

पिछले 44 साल में पहली बार जुलाई के महीने कोसी बैराज से चाल लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.

प्रशासन ने लोगों से ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने की अपील की है.

दरअसल, बिहार का मैदानी इलाका नेपाल से सटा हुआ है. कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, बागमती समेत कई नदियां नेपाल की ओर से बहकर बिहार में आती है.

बिहार का पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया व किशनगंज जिला नेपाल से सटा है.

नेपाल की 7 नदियां कोसी में मिलती है. इसी वजह से बिहार में हर साल भारी बाढ़ लाकर तबाही मचाती है.

महाराष्ट्र में 72 लोगों की जानें गई

महाराष्ट्र में बाढ़ और बारिश ने भीषण तबाही मचाई है. अब तक 72 लोगों की जान जा चुकी है.

तमाम नदी नाले उफान पर हैं. बाढ़ से जानें भी गई हैं. सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं.

भारी बारिश ने मुंबई और पुणे के सड़क परिवहन के साथ हवाई सेवाओं को भी बुरी तरह प्रभावित किया है.

यूपी के कई गांव बने टापू

यूपी में लगातार बारिश होने से कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. नदी नाले इस कदर उफन रहे हैं कि रेलवे की पुलिया पानी के तेज बहाव में बह गई और रेलवे ट्रैक हवा में झूल रही है.

इसके चलते कई रूट की ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया है.

कई ज़िलों में प्रशासन ने स्कूलों में छुट्टी का ऐलान किया है.

उत्तराखंड के बनवासा बैराज से छोड़े गए 3 लाख क्यूसेक पानी की वजह से यूपी के तराई और मैदानी इलाकों में बाढ़ सरीखे हालात हैं.

शारदा, घाघरा, बूढी, कुआनो, राप्ती सहित कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर तक पहुंच गया था. पीलीभीत, लखीमपुर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती और कुशीनगर जिलों के 71 गांवों की आबादी बाढ़ से प्रभावित है.

बाढ़ में बह गए दो लोग

मध्य प्रदेश के भी कुछ हिस्सों में बारिश और बाढ़ की वजह से हाहाकार मचा हुआ है.

सिहोर में मूसलाधार बारिश की वजह से गोलू खेड़ी इलाके में पुल के ऊपर से नदी का पानी बह रहा है.

वहीं बैतूल जिले में बारिश के कारण कई नदियां उफ़ान पर है. नदी में आई बाढ़ में दो युवक बह गए हैं.

मौसम विभाग ने शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पांढुर्णा जिलों में गरज- चमक के साथ भारी बारिश होने की चेतावनी दी है.

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