कलारचना

दोषमुक्त हुए सलमान

मुंबई | समाचार डेस्क: बंबई हाई कोर्ट ने गुरुवार को सलमान खान को ‘हिट एंड रन’ मामले में सभी आरोपों से बरी कर दिया. फैसले के दौरान मित्रों और परिवार वालों के साथ अदालत में मौजूद सलमान फैसला सुनते ही फफक कर रो पड़े. न्यायाधीश ए. आर. जोशी ने बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए कहा कि अभिनेता को 13 साल पुराने इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूतों के आधार पर ‘दोषी नहीं ठहराया जा सकता’.

बंबई उच्च न्यायालय ने हिट एंड रन मामले में सलमान को निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने वाले फैसले और उन्हें सुनाई गई पांच साल की सजा व अन्य सभी आरोपों को भी खारिज कर दिया.

सलमान बड़े ही शांत तरीके से फैसला सुनते रहे, लेकिन बाद में उन्हें रोते हुए देखा गया. सलमान ने ट्वीट किया है, “मैं अदालत के इस फैसले को पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार करता हूं. मैं अपने परिवार वालों, मित्रों और प्रशंसकों का मुझे दिए गए समर्थन और मेरे लिए की गई प्रार्थनाओं के लिए आभारी हूं.”

फैसला आने के बाद सलमान के घर को रोशनी से सजा दिया गया है और उनके प्रशंसकों ने उनके घर के आगे खुशी व्यक्त करते हुए पटाखे छोड़े.

सलमान के वकील अमित देसाई ने न्यायालय का फैसला आने के बाद मीडिया को बताया, “सलमान खान के लिए 13 वर्षो के लंबे इंतजार के बाद यह फैसला बहुत बड़ी राहत है.”

वहीं, इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में कहा कि महाराष्ट्र सरकार बंबई उच्च न्यायालय के फैसले की जांच-पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई को लेकर निर्णय लेगी.

अदालत ने हालांकि अभियोजन पक्ष के उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि पीड़ित नुरुल्लाह महबूब खान की मौत सलमान की गाड़ी से हुई दुर्घटना से नहीं बल्कि क्रेन गिरने से हुई थी.

न्यायाधीश जोशी ने एक तरह से अभियोजन पक्ष के मामले को खारिज करते हुए कहा, “अभियोजन पक्ष सलमान के खिलाफ सभी मामलों में आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा है. अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा है कि सलमान ही नशे में वह गाड़ी चला रहे थे, जिसने फुटपाथ पर सो रहे एक आदमी को मौत की नींद सुला दिया था और अन्य चार को घायल कर दिया था.”

न्यायाधीश जोशी ने यह फैसला सलमान की उस याचिका पर सुनाया है, जिसमें उन्होंने निचली अदालत के छह मई को दिए फैसले को चुनौती दी थी.

अदालत ने इस मामले में जांच के तरीके सहित मामले से जुड़े अन्य तथ्यों पर भी सवाल उठाए, खासकर जिस तरह जैविक सबूत इकट्ठे किए गए और गायक/अभिनेता कमाल खान को गवाह न बनाए जाने पर सवाल उठाए.

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दुर्घटना के समय सलमान के साथ कार में उपस्थित रहे और मामले की सबसे पहले शिकायत करने वाले और सलमान खान के बॉडीगार्ड दिवंगत रवींद्र पाटिल द्वारा दिए गए सबूत अविश्वसनीय पाए गए, इसलिए उन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता.

यह भी स्पष्ट नहीं हो सका कि सलमान की कार का पहिया दुर्घटना के बाद फटा या पहले.

न्यायालय में जिस वक्त सलमान को बरी किए जाने का फैसला सुनाया, उस वक्त वहां उनके पिता सलीम खान, बहनें, भाई, दोस्त एवं प्रशंसक सहित अधिकांश परिजन मौजूद थे.

सलमान के वकील ने बताया कि फैसला सुनाए जाने के बाद सलमान ने न्यायालय से बाहर आने से पूर्व विभिन्न कानूनी औपचारिकताओं को पूरा किया.

सोशल मीडिया पर हालांकि फैसले को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया रही. सलमान के प्रशंसकों ने जहां उन्हें बधाई दी और फैसले का स्वागत किया वहीं कुछ लोगों ने फैसले पर सवाल भी उठाए.

ध्यान रहे कि सलमान के लिए कानूनी पचड़ा अभी खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि 1998 में जोधपुर में काले हिरण का अवैध शिकार के मामले में भी उन पर मुकदमा चल रहा है.

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