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न्यायालय की शरण में सैफ

जबलपुर | समाचार डेस्क: अपनी पुश्तैनी संपत्ति को बचाने के लिये अभिनेता सैफ अली खान न्यायालय की शरण में चले गये हैं. दरअसल, केन्द्र सरकार के एक विभाग द्वारा उनकी संपत्ति को देश छोड़कर विभाजन के समय चले गये नवाब की संपत्ति होने का दावा किया है. इससे सैफ की पुस्तैनी संपत्ति शत्रु संपत्ति संचालनालय मुम्बई के अधीन हो सकती है. शत्रु संपत्ति संचालनालय मुम्बई के इस रवैये को सैफ अली खान ने जबलपुर उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के शत्रु संपत्ति कार्यालय द्वारा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नवाब की चल अचल संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किए जाने के आदेश को चुनौती देते हुए अभिनेता तथा नवाब के वारिस सैफ अली खान की ओर से जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है. देश के विभाजन के बाद बड़ी संख्या में लोग पाकिस्तान चले गए थे, उनकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति माना गया है. इन संपत्तियों की देखरेख के लिए भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति संचालनालय मुम्बई में बनाया है. हाल ही में संचालनालय ने भोपाल के नवाब की चल व अचल संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया है.

संचालनालय का मानना है कि नबाब हमीदुल्ला की बड़ी बेटी और उत्तराधिकारी आबिदा सुल्तान विभाजन के बाद पाकिस्तान चली गई थीं, इसके चलते उनके उत्तराधिकार की संपत्ति शत्रु संपत्ति हो गई है. इसी आदेश के खिलाफ नवाब के वारिस सैफ अली की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है.

सैफ अली के अधिवक्ता राजेश पंचोली ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया है कि आबिदा पाकिस्तान की नागरिक नहीं है, लिहाजा उनकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता है, इसी के चलते यह याचिका दायर की गई है.

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