सदाशिव अमरापुरकर चिरनिंद्रा में लीन
मुंबई | मनोरंजन डेस्क: बालीवुड में नकारात्मक किरदारों से प्रसिद्धि पाने वाले अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर रविवार रात चिरनिंद्रा में लीन हो गये. उनके निधन पर दार्शनिक एपीक्यूरस के समान कहा जा सकता है कि सदाशिव अमरापुरकर हमारे बीच में नहीं है यह उनका नहीं हमारा दुर्भाग्य है. उनका निधन पर बालीवुड ही नहीं सारे देश के लिये दुखदायी खबर है. सदाशिव अमरापुरकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है, “हम सदाशिव अमरापुरकर को बहुमुखी प्रतिभा के धनी तथा सभी पीढ़ियों के बीच लोकप्रिय अभिनेता के रूप में याद करेंगे. उनकी आत्मा को शांति मिले. मैं उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना जाहिर करता हूं.” बालीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने ट्वीटर पर लिखा है, ” सुबह उठा तो सदाशिव अमरापुरकर के निधन की दुखद सूचना मिली. वह मेरे साथी थे, ईश्वर ने उन्हें बहुमुखी प्रतिभा से नवाजा था. जब आपका कोई साथी ऐसे अचानक चला जाता है, तो जीवन में एक शून्य सा आ जाता है. ”
‘अर्ध सत्य’ और ‘सड़क’ जैसी फिल्मों से दो बार फिल्मफेयर पुरस्कार अपने नाम करने वाले अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर फेफड़े में संक्रमण के कारण बीमार हुए सदाशिव को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती थे.
सदाशिव केनिधन के बारे में उनकी बेटी रीमा अमरापुरकर ने बताया. उन्होंने ने कहा, “उनका रविवार रात 2.45 बजे निधन हो गया.”
रीमा ने कहा, “उनका दाह संस्कार उनके गृह शहर अहमदनगर में मंगलवार किया जाएगा. सोमवार को उनका शव लोगों के दर्शन के लिए भाईदास ऑडिटोरियम में रखा जाएगा.”
सदाशिव ने बॉलीवुड फिल्मों में नकारात्मक किरदारों से ख्याति पाई थी. 1991 की फिल्म ‘सड़क’ के नकारात्मक किरदार के लिए उन्हें फिल्मफेयर दिया गया था और उसी साल से फिल्मफेयर में अवार्ड की यह श्रेणी शुरू की गई थी. सदाशिव को सबसे पहला फिल्मफेयर 1984 की फिल्म ‘अर्ध सत्य’ के सहायक किरदार के लिए मिला था.
उन्हें ‘मिस्टर इंडिया’, ‘आंखें’, ‘इश्क’, ‘कुली नंबर-1’ और ‘गुप्त : द हिडन ट्रुथ’ में उनके बेहतरीन अभिनय के लिए भी जाना जाता है. जीवन में फिल्मी पर्दे पर कई तरह के किरदार का अभिनय करने वाले सदाशिव अमरापुरकर के निधन पर सीजी खबर यह कहकर अपनी श्रद्धाजलिं अर्पित करता है कि ” बड़े शौक से सुन रहा था जमाना आपको, आप ही चुप हो गये दास्तां कहके कहते. ”