नोटबंदी से परेशान रूसी दूतावास
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: मोदी सरकार की नोटबंदी से रूसी दूतावास के सामने भी नगदी की कमी एक बड़ी समस्या बनकर खड़ी हो गई है. दूतावासों के लिये नगदी निकासी हफ्ते में 50,000 तक सीमित कर दिया गया है. इससे रूसी दूतावास को अपने कर्मचारियों को खाने लिये भी पैसे देने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
रूसी दूतावास के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि उनके यहां 200 कर्मचारी काम करते हैं. इस तरह से वे प्रति कर्मचारी हफ्ते में मात्र 250 रुपये ही दे पा रहें हैं.
दूतावास के कर्मचारियों को हो रही परेशानी को देखते हुये एलेक्जेंडर कदाकिन ने भारतीय विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है.
खबरों के मुताबिक उन्होंने इस पत्र में लिखा है कि 50 हजार की रकम बहुत कम है, इसमें उन्हें अधिकारियों की पगार से लेकर दूतावास में होने वाले रोज के खर्च भी निपटाने हैं. उनके मुताबिक इतने कम पैसों में तो कोई अधिकारी एक ढंग का डिनर तक नहीं कर सकता.
रूसी दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे भारत सरकार के जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही इसका हल तलाशा जायेगा.
खबरों के अनुसार कजाकिस्तान, यूक्रेन, इथोपिया तथा सूडान के दूतावासों ने भी इसी तरह के पत्र विदेश मंत्रालय को लिखे हैं.