चेर्नोबिल जैसी बड़ी तबाही हो सकती थी-ज़ेलेंस्की
नई दिल्ली | डेस्क: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि रूस ने यूक्रेन के परमाणु संयंत्र पर जो हमला किया, उसके परिणाम भयावह हो सकते थे. ज़ेलेंस्की ने कहा कि ज़ेपोरज़िया परमाणु पावर प्लांट पर हमले से ”6 चेर्नोबिल” के बराबर की तबाही हो सकती थी.
गौरतलब है कि 1986 में यूक्रेन के चेर्नोबिल में हुआ एटमी हादसा, दुनिया का सबसे भयानक परमाणु हादसा माना जाता है.
26 अप्रैल 1986 को चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के चौथे रिएक्टर में हुई दुर्घटना में कई सालों के अंतराल में 134 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
इस हादसे में हवा में रेडियोधर्मी प्रदुषण छोड़ा गया जो अविभाजित सोवियत संघ के कुछ भागों और पश्चिमी यूरोप तक पहुँच गया जिसके बाद यह आखिरकार 4 मई 1986 को खत्म हुआ. इस पर लगभग 5 खरब रुपये खर्च करने पड़े थे.
ताज़ा रूसी हमला
ज़ेलेंस्की ने टेलीविजन पर यूक्रेन के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ”यूक्रेन के लोगों, हम उस रात को बच गए जो रात इतिहास को रोक सकती थी- यूक्रेन का इतिहास, यूरोप का इतिहास.”
रूस के लोगों को संबोधित करते हुए यू्क्रेन के राष्ट्रपति ने कहा: ”आख़िर ये संभव भी कैसे है? 1986 में क्या हम (यूक्रेन और रूस) चेर्नोबिल तबाही के नतीजों से साथ मिलकर नहीं लड़े थे?
रूस के लोगों से ज़ेलेंस्की ने अपील की कि वो ”सड़कों पर उतरें और अपनी सरकार से कहें कि वो ज़िंदा रहना चाहते हैं.”
ज़ेलेंस्की का कहना है कि वो दुनिया के अलग-अलग देशों के नेताओं से संपर्क में हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है कि दूसरे देशों के नेता परमाणु प्लांट पर हुए हमले को लेकर हैरान हैं.
ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन के ऊपर नो-फ़्लाई ज़ोन की मांग की है और रूस के ख़िलाफ अतिरिक्त प्रतिबंधों की मांग की है. उन्होंने कहा, ”रेडिएशन को नहीं पता कि रूस किधर है, रेडिएशन देश की सीमा नहीं पहचानती.”