रुपये का अवमूल्यन वैश्विक कारणों से: डी. सुब्बाराव
इंदौर: भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर डी. सुब्बाराव का कहना है कि डॉलर के मुकाबले रुपए का अवमूल्यन अंतरराष्ट्रीय कारणों से है और यह कहना मुश्किल है कि इस स्थिति में कब सुधार आएगा. उन्होंने कहा कि जुलाई महीने के अंत में आने वाली रिपोर्टो के विश्लेषण के बाद ही इस बारे में कुछ कहना संभव होगा. इंदौर के मानपुर के पास खुर्दा गांव पहुँचे डी. सुब्बाराव ने संवाददाताओं से बात करते हुए कई आर्थिक मुद्दों पर अपने विचार रखे.
डी. सुब्बाराव ने प्लास्टिक नोटों के बारे में बोलते हुए कहा कि आरबीआई को यदि केंद्र सरकार से मंजूरी मिल जाती है तो जल्द ही देश में प्लास्टिक के नोट जारी किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि आरबीआई इसके लिए सिर्फ मंजूरी का इंतजार कर रहा है और ऐसा होते ही पहले प्रायोगिक तौर पर 10 रुपए के प्लास्टिक नोट लाए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि आरबीआई पहले इसे किसी विदेशी प्रेस से छपवा कर आयात करेगी और फिर इसके सफल होते ही इसकी छपाई देश में की जाएगी. उन्होंने जाली नोट पहचानने के लिए विशएष पुलिस थानों की जरूरत भी बताई.
चिटफंड कंपनियों के बारे में बोलते हुए सुब्बाराव ने कहा कि ऐसी कंपनियां गैरकानूनी नहीं होतीं लेकिन पैसा बढ़ाने का दावा करने वाली कुछ ऐसी वित्तीय योजनाएं जरूर गैरकानूनी हैं, जिन्हें लोग चिट फंड समझते हैं. ऐसे में जरूरी है कि राज्य सरकारें धोखाधड़ी करने वाली ऐसी कंपनियों के खिलाफ कड़े कदम उठाएं.