छत्तीसगढ़

अच्छी बारिश से रोपा-बियासी ने पकड़ी गति

रायपुर | संवाददाताः छत्तीसगढ़ में पिछले पखवाड़े भर से लगातार हो रही अच्छी बारिश के बाद खेती-किसानी के काम में तेजी आ गई है. धान की रोपाई और बियासी के काम ने गति पकड़ ली है. खेतों में पर्याप्त पानी के भराव से किसान फिलहाल चिंता मुक्त हो गए हैं.

प्रदेश में 12-15 दिन पहले तक बारिश नहीं होने के कारण किसान कृषि कार्य को लेकर परेशान थे. कई जगह बोनी का काम भी अटका हुआ था. रोपा-बियासी को लेकर किसान चिंतित थे.

प्रदेश में 10 दिन पहले तक रोपाई का काम महज 20 प्रतिशत ही हो पाया था.

कम बारिश की वजह से सरगुजा संभाग में अभी भी खेती-किसानी काफी पिछड़ी हुई है. हालांकि अब रोपा-बियासी के लायक बारिश हो गई है. इस हफ्ते से काम में गति आने की उम्मीद है.

प्रदेश में अब तक औसत से 8 फीसदी तक ज्यादा पानी गिर चुका है, वहीं प्रदेश में मानसून अभी भी सक्रिय है.

मौसम विभाग नें 30 जुलाई से एक बार फिर प्रदेश में अच्छी बारिश होने की संभावना जताई है, वहीं 1 अगस्त से 25 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है.

बारिश नहीं होने से अंकुरित होने के बाद बीज सूख गए थे. वे किसान अब दोबारा बुवाई कर रहे हैं.

बोनी का समय निकल जाने के कारण किसान लैहरा बोनी कर रहे हैं. जिसमें धान के बीज को बाहर अंकुरित कर खेत में छिड़काव किया जाता है.

वहीं कई किसान अब भी बीज तलाश रहे हैं. सहकारी समितियों के पास बीज नहीं है. किसानों के पास जो बीज थे, वे पहली बुवाई में खत्म हो गए हैं.

कुछ किसान थरहा की तलाश में भी भटक रहे हैं. जिसको जितना मिल रहा है, वहीं लाकर रोपाई कर रहे हैं.

71 प्रतिशत बोनी पूर्ण

खरीब सीजन में अब तक 71 प्रतिशत बोनी का काम पूर्ण हो चुका है. यह लक्ष्य का 59 प्रतिशत है. जबकि सरकार ने 48.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बुवाई का लक्ष्य रखा है.

अब तक 34.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है.

किसानों को अब तक 10 लाख 28 हजार मीट्रिक टन से अधिक खाद का वितरण किया जा चुका हैं, जो लक्ष्य का 75 प्रतिशत है.

इसमें 4 लाख 59 हजार 488 मीट्रिक टन यूरिया,  2 लाख 70 हजार 735 मीट्रिक टन डीएपी,  एक लाख 25 हजार मीट्रिक टन एनपीके, 35 हजार 16 मीट्रिक टन पोटाश तथा एक लाख 28 हजार 500 मीट्रिक टन सुपर फास्फेट का वितरण शामिल है.

दूसरी ओर सहकारिता एवं निजी क्षेत्र के माध्यम से 13 लाख 68 हजार मीट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य रखा गया है.

इसमें से 10.28 लाख मीट्रिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है.

लक्ष्य से कम बीज वितरित

राज्य में खरीफ सीजन के लिए इस बार लक्ष्य से कम बीज का वितरण किया गया है.

सरकार ने बोनी के लिए सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र के माध्यम से 8 लाख 8 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया है, जो मांग का 83 प्रतिशत है.

वहीं राज्य में खरीफ की विभिन्न फसलों के प्रमाणित बीज की कुल मांग 9 लाख 78 हजार क्विंटल है.

जबकि खरीफ वर्ष 2023 में प्रदेश में कुल 9.43 लाख क्विटल प्रमाणित बीज वितरण किया गया था.

जलाशयों में 50 फीसदी जल भराव

छत्तीसगढ़ में पिछले 10 दिनों से लगातार बारिश होने से प्रदेश में अब तक बारिश का कोटा पूरा हो गया है, जबकि कुछ दिन पहले यहां सूखे की स्थिति थी.

लगातार झमाझम बारिश से प्रदेश के सभी 12 जलाशयों में लगभग 50 प्रतिशत से अधिक पानी भर चुका है. बिलासपुर के खारंग जलाशय में तो 100 प्रतिशत जलभराव हो चुका है.

इसी तरह गंगरेल में 62 प्रतिशत, सिकासर में 89 प्रतिशत, मुरुमसिल्ली में 64 व मनियारी में 76 प्रतिशत तक जलभराव हो गया है.

इसी तरह मिनीमाता बांगो कोरबा में 48 प्रतिशत, तांदुला बालोद में 61 प्रतिशत, दुधावा कांकेर में 52 प्रतिशत, सोंढूर धमतरी में 64 प्रतिशत, कोडार महासमुंद 29 प्रतिशत, मनियारी मुंगेली में 76 प्रतिशत, केलो रायगढ़ 33 प्रतिशत, अरपाभैसाझार बिलासपुर में 32 प्रतिशत जलभराव है.

अब तक 548.9 मिमी. बारिश

एक जून 2024 से अब तक राज्य में 548.9 मिमी औसत वर्षा हुई है. इसमें बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1317.3 मिमी. और सरगुजा जिले में सबसे कम 202.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है.

सूरजपुर जिले में 329.4 मिमी, बलरामपुर में 463.2 मिमी, जशपुर में 352.0 मिमी, कोरिया में 345.2 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 372.2 मिमी बारिश हुई है.

बारिश के मौजूदा हालात में सरगुजा की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. सरगुजा में अब तक 59 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है.

इसके अलावा लगातार बारिश के बाद भी सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 41 प्रतिशत, सूरजपुर में 41 प्रतिशत, मनेंद्रगढ़-भरतपुर में 33 प्रतिशत और जशपुर में 49 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है.

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