मप्र में 4 लोक सूचना अधिकारियों को नोटिस
भोपाल | समाचार डेस्क: मध्य प्रदेश में सूचना के अधिकार के तहत समय पर और सही जानकारी न देने पर राज्य सूचना आयोग ने चार प्रकरणों में लोक सूचना अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं और अपीली अधिकारियों से जवाब तलब किया है. राज्य सूचना आयोग के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, शिवपुरी के वन क्षेत्रपाल रामरतन जाटव ने तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी व उप वन मंडलाधिकारी, बीनागंज (गुना) से उनकी भ्रमण डायरी, लाग बुक, किराए पर वाहन लेने की स्वीकृति आदेश तथा स्वर्णपदक संबंधी जानकारी मांगी थी.
आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी एक माह में देनी जरूरी है. यह समय सीमा खत्म होने के साढ़े तीन माह बाद जाटव को सिर्फ स्वर्णपदक संबंधी जानकारी दी गई. प्रथम अपीली अधिकारी की ओर से सूचना आयोग को बताया गया कि लालजी मिश्र ने शासकीय व किराए के वाहन का इस्तेमाल किया, लेकिन कार्यालय में इसकी लॉग बुक तथा वाहन किराए से लेने के स्वीकृति आदेश की जानकारी उपलब्ध न होने के कारण इसकी जानकारी नहीं दी जा सकी है.
इसी तरह लोक सूचना अधिकारी व संलग्नाधिकारी, वन मंडल- गुना, लालजी मिश्र से मधुसूदगढ़ वन क्षेत्र में कराए गए वृक्षारोपण कार्य तथा कूपों में खुदाई गई पशु अवरोधक खंती के प्रमाणकों की जानकारी मांगी थी, लेकिन इस बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई. यहां तक कि प्रथम अपील का निराकरण भी विधि अनुसार नहीं किया गया.
एक अन्य मामले में गुना के वन मंडल में वृक्षारोपण के तहत कराए गए काम तथा लेनटाना झाड़ियां उखड़वाने के प्रमाणकों (बिलों) की जानकारी मांगी थी जो एक माह की समय सीमा में नहीं दी गई. समय सीमा समाप्त होने के करीब सवा दो साल बाद प्रथम अपीली अधिकारी वन संरक्षक, गुना ने वांछित जानकारी अपीलार्थी को मुहैया कराई. अपीली अधिकारी ने मंजूर किया कि जानकारी देरी से दी गई है.
गुना जिले में ही उप वन क्षेत्रपाल बाबूसिंह परमार ने लोक सूचना अधिकारी से वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन की जांच रपट तथा उप वन मंडलाधिकारी, बमौरी, एलबी गोयल की दौरा डायरी की जानकारी मांगी थी, जिसके बारे में कोई ब्यौरा नहीं दिया गया. प्रथम अपीली अधिकारी और वन मंडलाधिकारी, गुना ने सूचना आयोग को जवाब दिया कि अपीलार्थी के उपस्थित न होने के कारण उन्हें मांगी गई पूरी जानकारी नहीं दी जा सकी.
यह सभी प्रकरण राज्य सूचना आयोग के पास पहुंचे. इन मामलों की सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त आत्मदीप ने चारों मामलों में लोक सूचना अधिकारी को नोटिस करने के आदेश दिए हैं और कहा है कि सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा सात के अनुसार आवेदन का निपटारा न करने के कारण क्यों न उन पर जुर्माना लगाया जाए और अपीलार्थी को क्षतिपूर्ति दिलाई जाए.
प्रथम अपीली अधिकारी को भी निर्देशित किया गया है कि वे प्रथम अपील पर धारा 19 के अनुसार की गई कार्रवाई से आयोग को अवगत कराएं.