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आम आदमी की जेब पर बढ़ा बोझ

नई दिल्ली | डेस्क: राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय ने जो आंकड़े जारी किए, उसके मुताबिक़ खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर जनवरी 2022 में बढ़कर 5.43 फीसदी पर पहुंच गई है, जो दिसंबर 2021 में 4.05 फीसदी थी.

पिछले महीने की तुलना में जनवरी में आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ा है. जनवरी के महीने में ख़ुदरा महंगाई दर में इजाफा दर्ज़ किया गया है.

सोमवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “जनवरी की मुद्रास्फ़ीति दर 6 फ़ीसदी हो सकती है, लेकिन इसमें घबराने की कोई बात, हम इस पर नज़र बनाए हुए हैं.”

शक्तिकांत दास ने आरबीआई बोर्ड की बैठक के बाद कहा कि भारत का मुद्रास्फ़ीति का अनुमान मज़बूत है और तेल की क़ीमत से लेकर सभी संभावित परिदृश्यों को ध्यान में रखा गया है.

शक्तिकांत दास का ये भी कहना था कि क़ीमत में स्थिरता लाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है.

गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 5.66 फीसदी थी, जो जनवरी 2022 में बढ़कर 6.01 फीसदी हो गई है. इसके पीछे की वजह कुछ खाद्य उत्पादों का महंगा होना बताई जा रही है.

6.01 फीसदी की दर रिज़र्व बैंक के संतोषजनक दायरे से ऊपर है. पिछले साल की बात करें तो जनवरी 2021 में कंज़्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित महंगाई दर 4.06 फीसदी थी.

बता दें कि रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी बनाते वक्त ख़ास तौर से कंज़्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित महंगाई दर को ध्यान में रखता है.

सरकार ने रिज़र्व बैंक को दो फ़ीसदी के उतार-चढ़ाव के साथ खुदरा महंगाई दर चार फ़ीसदी पर बनाए रखने की ज़िम्मेदारी दी है. लेकिन इस बार ये आंकड़ा इस रेंज से बाहर चला गया है.

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