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वनकर्मियों के रहते जंगल में आगजनी

रतनपुर | उस्मान कुरैशी: लखनी देवी पहाड़़ी के नीचे लाखों रूप्ए खर्च कर विकसीत किए गए उद्यान के सैकड़ों फलदार पौधे वनकर्मियों के जंगल में रहते जलकर खाक हो गए. आगजनी की यह घटना तीन दिन पहले हुई है. वन विभाग का अमला बीते सप्ताह भर से तेन्दुआ को पकड़ने इसी इलाके में सर्चिंग कर रहा. ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि वन अमले के रहते आगजनी की घटना कैसे हो गई.

वन विभाग ने लखनी देवी मंदिर के नीचे नक्षत्र गार्डन का निर्माण मई 2011 में पूरा कराया है. 6 मई को तात्कालीन विधानसभा अध्यक्ष घरमलाल कौशिक ने इसका लोकार्पण किया था. नक्षत्र गार्डन से लगी खाली जमीन पर आम, आंवला, अनार, अमरूद, काजू, चीकू, शहतूत, कटहल, सीताफल सहित 33 प्रजातियों के सैकड़ौ फलदार वृक्ष के पौधे लगाए गए थे. फलदार पौधे जमीन पर जड़़े जमाकर हरियाली बिखेर रही थी. कुछ पौधों में में तो फल भी आने लगे थे. आम के काफी पौधों में इस बार बोर निकल आए थे.

यहां काफी संख्या में वन विभाग के मजदूर नियमित रूप से फल उद्यान के रखरखाव व देखरेख के लिए काम करते है. फलोद्यान में आगजनी की घटना सैकड़ों फलदार पौधे झुलसकर सूख गए है. पौधों की सिंचाई के लिए उपयोग में लाई जा रही प्लास्टिक की पाइप भी कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गई है. तेन्दुआ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने इसी इलाके में ट्रेक केच लगाया है.

18 फरवरी के बाद से वन विभाग के आला अफसर लगातार आदमखोर तेन्दुआ को तलाशे जाने की बात कह रहे है. ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि वन अमले की मौजूदगी में इतनी बढ़ी आगजनी की घटना कैसे हो गई.

फल उद्यान से लगे रास्ते से अक्सर गुजरने वाले अजय धीवर बताते है आम आंवला अनार सहित अनेक प्रजातियों के फलदार पौधे लगाए गए थे. इनमें से बहुत से पौधे तैयार हो गए थे. बहुत से पेड़ों में तो फल भी लग रहे थे. आम के बहुत से पौधों में बौर भी निकले थे. तीन रोज पहले शाम के वक्त आग लगी हुई थी. आग जल रही थी तो वन विभाग के कुछ कर्मचारी भी मौजूद थे. मौजूद वन कर्मियों ने आग बुझाने का प्रयास भी नही किया.

एसडीओ फारेस्ट एच बी खान का कहना है कि घटना की जानकारी नही है ऐसी कोई आगजनी की घटना हुई है तो जांच कराके कार्रवाई की जाएगी. उन्होने इन दिनों फायर लाइन की सीजन होने की भी बात कही.

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