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नाबालिग से रेप पर छत्तीसगढ़ को नोटिस

रायपुर | संवाददाता: बस्तर में नाबालिग आदिवासी के साथ सुरक्षाबल द्वारा कथित रेप के मामले में एनएचआरसी ने छत्तीसगढ़ के डीजीपी को नोटिस जारी किया है. कुछ महीने पहले ही बस्तर में 16 आदिवासियों के साथ सुरक्षाबल के जवानों द्वारा रेप के मामले को सही मानते हुये मानवाधिकार आयोग ने छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ गंभीर आदेश जारी किया था. अब ताज़ा मामले के बाद छत्तीसगढ़ सरकार की फिर से बदनामी हो रही है. हालांकि इस मामले में पीड़िता और उसके परिजनों के बयान के बाद भी पुलिस ने रेप का मामला दर्ज नहीं किया है.

पुलिस ने खुद ही पूरे मामले को झूठा बताते हुये आरोप लगाया है कि आदिवासियों को इस मामले में भड़काया जा रहा है. इस मामले में पुलिस का कहना है कि पीड़िता ने बलात्कार की घटना से इंकार किया है और कुछ लोग पीड़िता को बहका कर पुलिस के खिलाफ माहौल तैयार कर रहे हैं, पुलिस को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.

गौरतलब है कि सुकमा जिले के चिंतागुफा गांव में 1 अप्रैल को पुलिस के जवानों ने सुबह चार बजे घर में घुस कर कथित रुप से बंदूक की नोक पर 14 साल की एक आदिवासी लड़की के साथ उसके परिजनों के सामने ही रेप किया.

रेप की इस घटना की जानकारी जब कुछ सामाजिक संगठनों को हुई तो मामला सार्वजनिक हुआ. लेकिन आरोप है कि पुलिस ने पीड़िता और उसके परिजनों को कथित जांच के नाम पर अपनी हिरासत में रखा और उन पर बयान बदलने के लिये दबाव बनाया.

कांग्रेस की एक जांच दल ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं. आम आदमी पार्टी की नेता सोनी सोरी ने भी इस मामले में पुलिस पर रेप करने वाले जवानों को बचाने का आरोप लगाया है.

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