रानी की ‘मर्दानी’ को सम्मान
मुंबई | मनोरंजन डेस्क: रानी मुखर्जी बॉलीवुड की पहली सेलेब्रिटीज बन गई है जिसे ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जेंडर जस्टिस’ ने बाल तस्करी रोकने के अभियान के लिये पुरस्कृत किया है. इस तरह से बॉलीवुड की अभिनेत्री रानी मुखर्जी का नाम अन्ना हजारे तथा कैलाश सत्यार्थी के समान सामाजिक बुराइयों से लड़ने वालों की सूची में शामिल हो गया है. रानी मुखर्जी के फिल्म ‘मर्दानी’ ने बाल तस्करी के खिलाफ जागरुकता फैलाई है इस कारण से इसे सम्मानित किया गया है. रानी मुखर्जी की फिल्म ‘मर्दानी’ साल 2014 की महिला प्रधान चर्चित फिल्म है जिसमें ‘मर्दानी’ बनी रानी समाज के बुराइयों से लड़ती है. उल्लेखनीय है अभिनेत्री रानी मुखर्जी को ‘मर्दानी’ फिल्म के जरिए बाल तस्करी के खिलाफ जागरूकता लाने के लिए मंगलवार को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जेंडर ने सम्मानित किया. रानी खुश हैं कि उनकी फिल्म ने मनोरंजन से कहीं बढ़कर काम किया. ‘मर्दानी’ में रानी ने कड़क पुलिस अधिकारी शिवानी शिवाजी रॉय की भूमिका निभाई है, जो बाल तस्करी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश करती है. उन्हें मंगलवार को नई दिल्ली में सम्मानित किया गया.
रानी ने एक बयान में कहा, “यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि फिल्म को न केवल दुनियाभर में दर्शकों ने सराहा, बल्कि इसने फिल्म निर्माण के क्षेत्र का भी मान बढ़ाया है और एक ऐसी फिल्म बन गई है, जो उन लोगों को प्रेरित करती है, जो वर्षो से बाल तस्करी रोकने की दिशा में अथक काम कर रहे हैं, जो असली नायक हैं.”
रानी ने पुरस्कार मिलने के बाद कहा, “मैं इन लोगों से मिलकर गौरवान्वित महसूस कर रही हूं. मुझे खुशी है कि मैं थोड़ा बहुत योगदान दे पाई हूं. यह पुरस्कार खास है, क्योंकि यह सिनेमा के प्रति मेरे योगदान को मान्यता देता है.”
रानी के करियर की दमदार फिल्मों में ‘राजा की आएगी बारात’, ‘मेहंदी’ और ‘नो वन किल्ड जेसिका’ शामिल हैं.