राम विलास पासवान का निधन
नई दिल्ली | डेस्क: भारत के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान का गुरुवार को निधन हो गया. उनके पुत्र और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने पिता के निधन की सूचना दी. पासवान 74 साल के थे.
नरसिंहा राव के अलावा पिछले 29 सालों से वे लगातार केंद्र में मंत्री बने रहे. सरकार किसी की भी पार्टी की रहे, उसके मंत्रीमंडल में राम विलास पासवान ज़रुर शामिल रहे.
लोजपा के संस्थापक राम विलास पासवान की हाल ही में हृदय की सर्जरी हुई थी. उसके पिछले कुछ समय से अस्वस्थ होने के बाद अस्पताल में भर्ती थे.
उनके पुत्र चिराग पासवान ने ट्वीट किया, ‘‘पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं. मिस यू पापा.’’
पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं।
Miss you Papa… pic.twitter.com/Qc9wF6Jl6Z— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 8, 2020
राम विलास पासवान के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लिखा, ‘‘केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से देश ने एक दूरदर्शी नेता खो दिया है. उनकी गणना सर्वाधिक सक्रिय तथा सबसे लंबे समय तक जनसेवा करने वाले सांसदों में की जाती है. वे वंचित वर्गों की आवाज मुखर करने वाले तथा हाशिए के लोगों के लिए सतत संघर्षरत रहने वाले जनसेवक थे.’’
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से देश ने एक दूरदर्शी नेता खो दिया है। उनकी गणना सर्वाधिक सक्रिय तथा सबसे लंबे समय तक जनसेवा करने वाले सांसदों में की जाती है। वे वंचित वर्गों की आवाज़ मुखर करने वाले तथा हाशिए के लोगों के लिए सतत संघर्षरत रहने वाले जनसेवक थे।
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 8, 2020
उन्होंने लिखा है, ‘‘आपातकाल विरोधी आंदोलन के दौरान जयप्रकाश नारायण जैसे दिग्गजों से लोकसेवा की सीख लेने वाले पासवान जी तेज तर्रार समाजवादी के रूप मे उभरे. उनका जनता के साथ गहरा जुड़ाव था और वे जनहित के लिए सदा तत्पर रहे. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी गहन शोक-संवेदना.’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘दुख बयान करने के लिए शब्द नहीं हैं; हमारे देश में ऐसा शून्य पैदा हुआ है जो शायद कभी नहीं भरेगा.’’ उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘श्री रामविलास पासवान जी का निधन व्यक्तिगत क्षति है. मैंने एक ऐसा मित्र और सहकर्मी खोया है जो पूरे जुनून के साथ हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहता था कि प्रत्येक गरीब व्यक्ति सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करे.’’
Shri Ram Vilas Paswan Ji rose in politics through hardwork and determination. As a young leader, he resisted tyranny and the assault on our democracy during the Emergency. He was an outstanding Parliamentarian and Minister, making lasting contributions in several policy areas. pic.twitter.com/naqx27xBoj
— Narendra Modi (@narendramodi) October 8, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा, पासवान ‘‘कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर राजनीति में ऊपर आए. युवा नेता के रूप में आपातकाल के दौरान उन्होंने निरंकुशता और हमारे लोकतंत्र पर प्रहार का विरोध किया था. वह उत्कृष्ट सांसद और मंत्री थे, जिन्होंने विभिन्न नीतिगत क्षेत्रों में चिरस्थायी योगदान दिया है.’’
बिहार के खगड़िया में 1946 में जन्मे राम विलास पासवान का चयन पुलिस सेवा में हो गया था लेकिन उन्होंने अपने मन की सुनी और राजनीति में चले आए. पहली बार 1969 में वह संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए. वह आठ बार लोकसभा के सदस्य चुने गए और दो बार हाजीपुर संसदीय सीट से सबसे ज्यादा वोटों के अंतर का उन्होंने रिकार्ड बनाया.
राम विलास पासवान 1989 में 9वीं लोकसभा के लिए जब चुने गए तो उन्हें विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार में केंद्रीय श्रम और कल्याण मंत्री बनाया गया. 1996 में वे केंद्रीय रेल मंत्री बने. उन्होंने 1998 तक उस पदभार को संभाला. एक दशक के भीतर ही वह एचडी देवगौडा और इंद्र कुमार गुजराल की सरकार में रेल मंत्री बने. बाद में वे संचार मंत्री बने और अटल सरकार में कोयला मंत्रालय उन्होंने संभाला. फिर मनमोहन सिंह की सरकार में वे मंत्री बनाये गये. 2014 में प्रधान मंत्री मोदी के कैबिनेट में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का कार्यभार संभाला.