छत्तीसगढ़रायपुर

रामप्रकाश के कान्हा दौरे पर सवाल

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव रामप्रकाश का कान्हा दौरा वन विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है. रामप्रकाश एक एनजीओ की आंतरिक बैठक में वहां शामिल होने गये थे. हालांकि उनकी इस बैठक में शामिल होने की सूचना राज्य सरकार के अधिकारियों को नहीं है. लेकिन वन विभाग में इस बात की चर्चा है कि आखिर रामप्रकाश उस बैठक में किस उद्देश्य से गये थे.

गौरतलब है कि वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया यानी डब्ल्यू टीआई ने अपनी संस्था की एक आंतरिक बैठक मध्यप्रदेश के कान्हा में आयोजित की थी. इसमें संस्था के लोगों को बुलाया गया था. लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव रामप्रकाश भी उस बैठक में पहुंच गये. उनके रहने की व्यवस्था खटिया के सत्य अशोक रिसोर्ट के डीलक्स रुम क्रमांक 18 में की गई थी और इसका पूरा खर्चा वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने उठाया.

डबल्यूटीआईटी संस्था पिछले कई सालों से छत्तीसगढ़ में काम कर रही है. इसी संस्था ने वन भैंसा की वंश वृद्धि के लिये राज्य सरकार के साथ करार किया था. हालांकि इस मामले में संस्था को कोई सफलता नहीं मिली लेकिन राज्य सरकार ने अंततः उच्चतम न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना करते हुये राज्य में वन भैंसे की क्लोनिंग के लिये एक निजी संस्था के साथ करार कर लिया. इस संस्था के साथ करार के बाद भी राज्य सरकार ने अपनी परियोजना में डब्ल्यू टीआई को शामिल रखा. डब्ल्यू टीआई को क्लोनिंग की योजना में क्यों रखा गया, इसका कोई ठोस जवाब वन विभाग के पास नहीं है.

दिलचस्प ये है कि पूरे देश में वन अभयारण्य के कॉरिडोर का काम वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड यानी डब्लूडब्लूएफ अपने खर्च पर करता रहा है. इस संस्था की विश्वसनीयता और काम का तारीफ पूरी दुनिया भर में होती है. लेकिन वन विभाग के अधिकारियों के एनजीओ गंठजोड़ का यह बड़ा नमूना है कि छत्तीसगढ़ के अचानकमार इलाके में यह काम डबल्यूटीआईटी को दिया गया है और डबल्यूटीआईटी पर वन विभाग लाखों रुपये खर्च कर रहा है. जो काम मुफ्त में पूरे देश में हो रहा है, उस पर लाखों रुपये का खर्च सवालों के घेरे में है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!