रामदेव को भारी पड़ी राजनीति
रायपुर | संवादादाता: बाबा रामदेव को नरेंद्र मोदी का गुणगान भारी पड़ा है. छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा के पीएम इन वेटिंग नरेंद्र मोदी का प्रचार करने वाले बाबा रामदेव का राज्य अतिथि का दर्जा वापस ले लिया गया है. चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य शासन ने यह कार्रवाई की है. हालांकि भाजपा ने कहा है कि रामदेव बाबा को अनावश्यक रुप से निशाना बनाया गया है. इधर चुनाव आयोग ने बाबा रामदेव के भाषण के वीडियो देखने के आगे कार्रवाई के संकेत दिये हैं.
गौरतलब है कि बाबा रामदेव पिछले सप्ताह से छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में दौरा कर रहे हैं और योग के नाम पर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. राज्य सरकार ने उन्हें राजकीय अतिथि का दर्जा दे रखा था. इस दौरान वे सरकारी खर्चे पर और सरकारी तामझाम के साथ अपनी सभाएं कर रहे थे. इसकी शिकायत स्वाभिमान मंच और कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग से किया था. जिसके बाद चुनाव आयोग ने यह कदम उठाया.
इधर भाजपा ने कहा है कि बाबा रामदेव को निशाना बनाना गलत है. भाजपा के वरिष्ठ नेता सचिदानंद उपासने ने कहा कि बाबा रामदेव एक संत हैं और उन्हें राजनीति में शामिल करना गलत है.
दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि बाबा रामदेव के अब तक हुये तमाम कार्यक्रम के खर्चे भाजपा के चुनाव प्रचार में जोड़े जायें. कांग्रेस प्रवक्ता महेन्द्र छाबड़ा ने कहा है कि रामदेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाये और उनकी सभाओं के खर्च भाजपा के चुनाव खर्च को जोड़ा जाये. अपने कार्यक्रमों में बाबा रामदेव भाजपा के पक्ष में प्रचार भी करते हैं और मतदान की अपील भी करते हैं. यह स्पष्ट रूप से राज्य के सत्ताधारी दल भाजपा के चुनाव प्रचार के लिये जनता के धन का दुरूपयोग का मामला है.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि रामदेव अपनी सभाओं में प्रधानमंत्री कांग्रेस अध्यक्षा तथा कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के खिलाफ अपमानजनक, असंसदीय और व्यक्तिगत टिप्पणियां कर रहे है जो कि चुनाव आयोग के द्वारा जारी आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है. ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई ज़रुरी है.
इधर चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा है कि इस मामले में बाबा रामदेव के भाषणों की वीडियो रिकार्डिंग मंगाई गई है और अगर पाया गया कि बाबा रामदेव किसी दल विशेष का प्रचार कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.