छत्तीसगढ़

सभी धर्मों पर ध्यान-रमन

नई दिल्ली | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि यदि सरकार प्रशासनिक संवेदनशीलता तथा सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखते हुए समानता का व्यवहार करे तो किसी भी विवाद का हल संभव है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया की गांधी की मौजूदगी में आज यहां विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआईसी) की बैठक में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री का भाषण पढ़ा.

ननकी राम कंवर ने इस भाषण में कहा कि यदि सरकार सभी वर्गों के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर गंभीरता से कार्य करे तो किसी भी विवाद को हल करने का रास्ता निकाला जा सकता है. आपसी सदभाव के लिए समानता का व्यवहार और विकास में बराबरी के अवसर सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है और इसके लिए प्रशासनिक संवेदनशीलता जरूरी है. उन्होंने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में वह ऐसा संवेदनशील प्रशासन देने में कामयाब हुए है और इसे देश में इसे उदाहरण माना जाता है.

उन्होंने कहा कि किसी भी विवाद के गर्भ में कहीं न कहीं सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन होता है. इसलिए उनका मानना है कि क्षेत्रीय असमानता के साथ ही समाज के विभिन्न तबकों के बीच सामाजिक और आर्थिक स्तर के अंतर को खत्म करना जरूरी है. छत्तीसगढ़ में इस अंतर को दूर करने के लिये अनेक जन कल्याणकारी कदम उठाये गये है. उन्होंने कहा कि भूख बहुत सी समस्याओं और अशांति की जड़ होती है. इसलिए हमने छत्तीसगढ़ को भूख से मुक्ति दिलायी और अब कुपोषण से मुकित दिलाने की ओर बड़ा कदम उठाया है.

मुख्यमंत्री के भाषण में कहा गया कि दो साल बाद आयोजित राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक हर वर्ष आयोजित किया जाये. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ में साम्प्रदायिक हिंसा का कोई स्थान नहीं है. राज्य सरकार ने सर्वधर्म समभाव की दिशा में कई कदम भी उठाए है. सभी धर्मो के लिए मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना, विभिन्न समाज और धर्म के स्थलों को आस्था केन्द्र केरूप में विकसित करना, आदिवासी समाज के पूजास्थल देवगुड़ी के जीर्णोद्धार और विस्तार के लिए विशेष अभियान चलाया है. राज्य में सभी संवैधानिक संस्थाओं को सम्मान और सुविधाएं देने के लिए बराबरी की नीति अपनायी गयी है.

मुख्यमंत्री के इस भाषण में दावा किया गया कि अल्पसंख्यकों को समाज की मुख्यधारा से जोडने के लिए राज्य अल्पसंख्यक आयोग, राज्य वक्फ बोर्ड, राज्य हज कमेटी, राज्य उर्दू अकादमी और अन्य तमाम संस्थाएं पूरी स्वायत्तता से काम कर रहीं हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं को सिर्फभावनात्मक विषय न बनाकर उन्हें व्यापक अधिकार देने और आर्थिक स्वालंबन का माध्यम बनाया गया है. उनकी सरकार ने ऐसे अनेक उपाय किए है, जिससे राज्य में गैर बराबरी, क्षेत्रीय असमानता और जाति-वर्ग का अंतर समाप्त करने में सफलता मिली है.

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