मंदिर निर्माण के पत्थर अयोध्या पहुंचे
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: वीएचपी ने निर्माण में लगने वाले दो ट्रक पत्थर अयोध्या मंगवाये हैं. विश्व हिंदू परिषद के प्रस्तावित राम मंदिर मॉडल के अनुरूप पत्थरों को तराशने का काम यूं तो राजस्थान के भरतपुर में वर्षो से चल रहा है, लेकिन वहां से अयोध्या पहुंची पत्थरों की पहली खेप ने उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल पैदा कर दी है.
विहिप ने रविवार को अयोध्या में पत्थरों का पूजन कराया था. इस पर अगले दिन सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी और विपक्षी बहुजन समाज पार्टी ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विहिप पर सूबे का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है.
यहां की राम जन्मभूमि कार्यशाला में रविवार को भरतपुर से 15 टन तराशे हुए पत्थरों की पहली खेप पहुंची.
विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि एक लाख घनफुट पत्थरों से प्रस्तावित मॉडल के प्रथम तल का निर्माण पूरा हो जाने की उम्मीद है. अभी और 75 हजार घनफुट पत्थरों की जरूरत है.
शर्मा ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. पत्थरों को तराशने का काम कई वर्षो से चल रहा है. पत्थरों को राम मंदिर निर्माण में लगाया जाएगा, इसीलिए इसे यहां लाया गया है. इसको लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए.
इस बीच, फैजाबाद से सपा के विधायक और उप्र सरकार में मंत्री तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय ने विहिप और भाजपा पर राम मंदिर निर्माण के नाम पर सूबे का माहौल खराब करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा, “पत्थर पूजन के नाम पर प्रदेश का माहौल खराब करने की साजिश रची जा रही है. चौरासी कोसी परिक्रमा के नाम पर पहले भी ऐसा करने की कोशिश की जा चुकी है. लेकिन अखिलेश सरकार माहौल बिगाड़ने वालों के साथ सख्ती से निपटेगी.”
इधर, उप्र की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी इस मुद्दे को लेकर सपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उप्र में सपा की सरकार है और उसकी यह जिम्मेदारी बनती है कि अयोध्या में कानून व्यवस्था न बिगड़ने पाए.
पत्थर की मूर्तियों के प्रति विशेष अनुराग रखने वाली बसपा प्रमुख ने कहा कि राम जन्मभूमि का मामला अभी सर्वोच्च न्यायालय में है, लिहाजा उप्र सरकार को वहां होने वाली हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखनी चाहिए.
गौरतलब है कि अयोध्या के रामसेवकपुरम स्थित कार्यशाला में पत्थरों की पहली खेप पहुंचने पर राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने रविवार को वैदिक मंत्रोच्चर के बीच शिलापूजन किया था. इस मौके पर उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही मामले का हल हो जाएगा और मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होगा. मामला भले सुप्रीम कोर्ट में है, लेकिन कोर्ट भी जनभावनाओं का अनादर नहीं करती है.
उन्होंने कहा, “पहले शिलापूजन के बाद गुलामी का ढांचा ढह गया था और अब दूसरे शिलापूजन से निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा.”
महंत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को समय देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पास बहुत से कार्य हैं, लेकिन वह हिंदू जनभावना के विपरीत नहीं है.
इस बीच भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि पत्थरों को तराशने का काम काफी पहले से चल रहा है. अयोध्या में कोई ऐसा काम नहीं हो रहा है, जिससे सूबे का माहौल बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है. इस मुद्दे को जानबूझकर तूल दिया जा रहा है.