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राजनांदगांव पुलिस भर्ती प्रक्रिया रद्द

राजनांदगांव|संवाददाताः छत्तीसगढ़ सरकार ने राजनांदगांव पुलिस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी सामने आने के बाद पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश के बाद गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया है.

इस पुलिस भर्ती में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगने के बाद एक आरक्षक ने आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद मामला तुल पकड़ा तो निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया. जिसके बाद मामले मेंं 4 आरक्षक और दो कंपनी कर्मचारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.

दूसरी ओर इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी सामने आने के बाद भर्ती में शामिल अन्य अभ्यर्थी और उसके परिजन भर्ती रद्द करने की मांग कर रहे थे.

ज्ञात हो कि राजनांदगांव जिले में 16 नवंबर 2024 से पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी.

भर्ती प्रक्रिया के शुरुआती दौर में ही फिजिकल टेस्ट में नंबरों में हेरफेर करने का मामला सामने आया था.

3 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के अंकों की एंट्री गलत की गई थी. इन अभ्यर्थियों के इवेंट के समय और अंक दिए जाने के समय में अंतर आया था.

मैनुअल नंबर और कंपनी के नंबर अलग-अलग थे. इसके बाद सभी का मोबाइल डाटा जब्त किया गया था.

साथ ही लेनदेन की आशंका के चलते खातों की जांच भी की गई थी.

इसके बाद राज्य सरकार ने एक्शन लिया और कार्रवाई शुरू की. सबसे पहले पुलिस ने लालबाग थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.

आरक्षक की आत्महत्या से हुआ खुलासा

पुलिस भर्ती प्रक्रिया में धांधली का खुलासा तब हुआ जब पुलिस आरक्षक अनिल कुमार रत्नाकर का शव 21 दिसंबर को ग्राम रामपुर के पास फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला था.

आरक्षक के हाथ में लिखा था कि भर्ती प्रक्रिया में केवल कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, जबकि अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल हैं.

इसके बाद मामला गरमाया तो पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव रेंज दीपक कुमार झा ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच टीम एसआईटी का गठन किया.

आईजी ने एसआईटी को 10 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद कुछ पुलिस आरक्षकों की गिरफ्तारी हुई थी.

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