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मध्यप्रदेश में राजगढ़ किले की दीवार गिरी, 7 की मौत

दतिया| डेस्कः मध्यप्रदेश के दतिया में गुरुवार तड़के प्राचीन राजगढ़ महल की बाहरी दीवार गिरने से 7 लोगों की मौत हो गई.

दीवार के मलबे में कुल 9 लोग दब गए थे, जिनमें से 2 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.

मृतकों में एक ही परिवार के पांच लोग शामिल हैं.

दतिया कलेक्टर संदीप माकिन ने बताया कि मलबे में दबे सभी सात लोगों की मौत हो गई है.

राजगढ़ किले का इतिहास 400 साल पुराना है. पहाड़ी पर बने इस किले की जो दीवार गिरी है वह भी 4 सौ साल पुरानी दीवार है.

हादसा करीब 3-4 बजे सुबह का है. लोग उस समय नींद में थे. अचानक तेज आवाज आई तो लोग घरों से बाहर निकले तो किले की दीवार ढह गई थी और किले के आस-पास बने घरों में रह रहे कुछ लोग दीवार के मलबे में दब गए थे.

पड़ोसियों ने तत्काल मलबा हटाकर दो लोगों को बाहर निकाला. दोनों गंभीर रूप से घायल थे, उन्हें तत्काल अस्पताल भेजा गया.

पड़ोसियों ने घटना की सूचना पुलिस को दी और खुद मलबा हटाने में जुट गए.

सुबह पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र कुमार मिश्रा, कोतवाली टीआई धीरेन्द्र मिश्रा और एसडीईआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया.

कुछ देर बाद कलेक्टर संदीप मकीन भी पहुंच गए.

रास्ता काफी संकरा है, इसलिए बड़ी गाड़ी को पहुंचने में काफी परेशानी हुई.

जेसीबी और पोकलेन मशीन को भी पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

रास्ते में एक बाहरी दीवार को तोड़ना पड़ा, जिसके बाद जेसीबी और पोकलेन मशीन घटना स्थल तक पहुंच पाई.

मृतकों में पांच एक ही परिवार के

हादसे में घायल मुन्ना पिता खित्ते वंशकार और आकाश पिता मुन्ना वंशकार ने बताया कि मलबे में कुल 9 लोग दबे थे.

धीरे-धीरे मलबे को हटाया गया तो अंदर दबे लोग दिखाई देने लगे. एक-एक कर 6 लोगों को बाहर निकाला गया, लेकिन सभी दम तोड चुके थे.

मृतकों की पहचान निरंजन वंशकार, ममता पत्नी निरंजन, राधा पिता निरंजन, सूरज पिता निरंजन, शिवम पिता निरंजन और प्रभा पत्नी किशन वंशकार के रूप में की गई है.

सातवां आदमी किशन पिता पन्ना लाल का कुछ पता नहीं चल रहा था, रेस्क्यू टीम ने उसकी भी लाश बरामदत कर लिया है.

मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है.

मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख देने की मांग

घटना की खबर लगते दतिया विधायक राजेन्द्र भारती भी मौके पर पहुंचे.

उन्होंने बचाव कार्य धीमी गति से चलने पर अधिकारियों पर नाराजगी जताई और काम तेज करने के निर्देश दिए.

उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि मृतकों के परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता राशि के रूप में 5-5 लाख रुपये की मदद की जाए, वहीं घायलों को उपचार के लिए दो-दो लाख की मदद की जाए.

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