राजेंद्र यादव नही रहे
नई दिल्ली | एजेंसी: हिदी के प्रतिष्ठित साहित्कार और ‘हंस’ पत्रिका के संपादक राजेंद्र यादव का सोमवार देर रात दिल्ली में निधन हो गया. वह 85 साल के थे. प्रेमचंद द्वारा शुरू की गई पत्रिका ‘हंस’ के 26 सालों से संपादक रहे राजेंद्र लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्होंने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया.
अंतिम दर्शन के लिए उनके शव को मयूर विहार स्थित उनके घर में रखा गया है. मंगलवार दोपहर बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
28 अगस्त, 1929 को आगरा में जन्मे राजेंद्र ने शिक्षा-दीक्षा झांसी और आगरा में प्राप्त की थी. 1964 में दिल्ली आए राजेंद्र ने ‘अक्षर प्रकाशन’ की स्थापना की और कई महत्वपूर्ण लेखकों की पहली रचनाएं प्रकाशित कीं. उन्हें नई प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है.
उनकी कहानियों में मानवीय जीवन के तनावों और संघर्षो को पूरी संवेदनशीलता के साथ जगह दी गई है. ‘एक कमजोर लड़की की कहानी’, ‘जहां लक्ष्मी कैद है’, ‘अभिमन्यु की आत्महत्या’, ‘छोटे छोटे महल’, ‘किनारे से किनारे’ तक जैसी कहानियां हिंदी के साथ-साथ विश्व साहित्य की सर्वश्रेष्ठ कहानियों में शुमार की जाती हैं.
1959 में प्रकाशित उनकी रचना ‘सारा आकाश’ पर फिल्म और टेलीविजन धारावाहिक का भी निर्माण किया गया था.