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रजत गुप्ता को जेल जाना ही होगा

वाशिंगटन | एजेंसी: भारतीय मूल के रजत गुप्ता को अमरीका में इनसाइडर ट्रेडिंग के जुर्म में दो साल की सजा काटनी पड़ेगी. गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश रूथ बैडर गिंसबर्ग ने बुधवार को उन्हें 2012 में मिली सजा के मामले में जमानत पर जेल से बाहर रहने के निवेदन की याचिका को खारिज कर दिया. अब रजत गुप्ता को 17 जून को जेल जाना होगा यह तय हो गया है.

उच्च दर्जा प्राप्त अधिकारी रजत गुप्ता को अमरीका में भेदिया कारोबार के तहत दोषी ठहराया गया है. उन्हें श्रीलंकाई मूल के अरबपति और गैलियन समूह के सह संस्थापक राजरत्नम को अवैध खुफिया जानकारी देने के आरोप में भारतीय मूल की अटॉर्नी प्रीत भरारा ने दोषी ठहराया था.

65 वर्षीय गुप्ता ने इस सप्ताह अदालत में तर्क दिया था कि उनके भागने का कोई खतरा नहीं है और मुकदमे में हुई कानूनी त्रुटियों के आधार पर अपील पर उनकी जीत की पूरी संभावना है. मैनहट्टन के सेकेंड यूएस कोर्ट ऑफ अपील द्वारा 30 मई को अपील के दौरान जेल से बाहर रहने की याचिका खारिज होने के बाद गुप्ता सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे थे.

फुल सेकेंड सर्किट अदालत अब सुनिश्चित करेगा कि गुप्ता की सजा पर अपील के बारे में दोबारा सुनवाई की जाए या नहीं, जिसे 25 मार्च को तीन जजों के पैनल ने सुनाया था.

गुप्ता ने दावा किया कि उनके खिलाफ मुकदमे में इस्तेमाल वायरटैप अनुचित तरीके से दाखिल की गई थी. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि उन्हें न्यायाधीश के सामने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए सबूत प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाए.

राजरत्नम इस मामले में अलग से दोषी पाए गए थे. मैसाचूसेट स्थित आयेर के संघीय मेडिकल कारागार में 11 साल जेल की सजा भुगत रहे हैं.

मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश जेड रेकॉफ ने गुप्ता को न्यूयॉर्क सिटी से 70 माइल उत्तर-पश्चिम मध्यम सुरक्षा वाले न्यूयॉर्क के ओटिसविले जेल में रखने की सिफारिश पर सहमति जताई है.

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