मुंबई में ‘रईस’ की चलती है
मुंबई के असली ‘रईस’ मनसे के राज ठाकरे हैं. जिनके दरवाजे पर शाहरुख खान को अपनी फिल्म ‘रईस’ के शांतिपूर्ण रिलीज सुनिश्चित करने के लिये जाना पड़ा. खबर है कि सलमान खान ने शाहरुख की राज ठाकरे से मुलाकात तय करवाई. अब यह माना जा रहा है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना फिल्म का विरोध नहीं करेगी.
इससे पहले फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ के विरोध को देखते हुये खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने सुलह कराई थी. जिसके तहत अपनी फिल्म के लिये निर्माता को तीन शर्ते पूरी करनी की बात सामने आई. पहला उन्हें फिल्म की शुरुआत में उरी के शहीदों को श्रद्धांजलि देनी पड़ेगी, दूसरा सेना वेलफेयर फंड में पांच करोड़ रुपये देने पड़ेंगे तथा भविष्य में अपनी फिल्म में किसी पाकिस्तानी कलाकार को न लेने का वादा करना पड़ेगा.
सोमवार को जब शाहरुख खान मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे से मिले तो उन्होंने आश्वासन दिया कि फिल्म के प्रमोशन के वक्त पाकिस्तान की अदाकारा माहिरा खान को नहीं बुलाया जायेगा.
शहर में इतनी पकड़ तो मारियो पूजो के ‘गॉडफादर’ के डॉन कारलोन की ही थी. डॉन कारलोन ने भी अपने मुंह बोले बेटे को फिल्मों में काम दिलाने के लिये फिल्म निर्माता के सबसे महंगे घोड़े का सिर कटवाकर उसे भेंट कर दिया था. जाहिर है कि जब तक ताकत का प्रदर्शन न किया जाये कौन उसके आगे सिर झुकाने आयेगा.
उल्लेखनीय है कि राज ठाकरे की पार्टी के कार्यकर्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने कुछ सालों पहले मुंबई में नौकरी के लिये परीक्षा देने गये दिगर प्रांतों के नौजवानों को पीट-पीटकर भगाया था. शिवसेना से अलग होने के बाद राज ठाकरे ने उग्र प्रांतीयता की भावना को भड़काकर अपने लिये राजनैतिक जमीन तलाशी.
आज हालात यह हो गया है कि बॉलीवुड के फिल्मों में पाकिस्तानी को लेने वाले राज ठाकरे के दरवाजे पर खड़े नज़र आते हैं. करोड़ों रुपयों का निवेश करने के बाद फिल्म के निर्माता-निर्देश-वितरक उसका विरोध आर्थिक रूप से सहन करने की हालत में नहीं हैं. आजकल की फिल्मों के रिलीज होने के बाद कब वह 100 करोड़ के, कब 300 करोड़ के क्लब में शामिल होगा उसके लिये जी जान लगा दिया जाता है.
इस बीच जो सवाल खड़ा होता है वह है कि महाराष्ट्र विधानसभा में महज एक विधायकों वाले राज ठाकरे की यदि मुंबई में इतनी चलती है कि लोग लोकतांत्रिक ढ़ंग से चुने गये मुख्यमंत्री के बजाये उनके दरवाजे पर आन खड़े होते हैं तो कहना पड़ेगा कि मुंबई के असली ‘रईस’ तो राज ठाकरे ही हैं.