रायपुर: प्रदूषण 144 नहीं 50 पीएम
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का प्रदूषण 144 नहीं 49.33 पीएम है. इस तरह से विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट में जो प्रदूषण का स्तर बताया जा रहा है रायपुर उससे तीन गुना कम प्रदूषित है. विश्व स्वास्थ्य संगठन साल 2008 से 2013 तक के आकड़ों पर आधारित है. यह जानकारी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अध्यक्ष अमन कुमार सिंह ने शनिवार को दी है.
अमन सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के निष्कर्ष में रायपुर के प्रदूषण स्तर को पार्टिकुलेट मैटर 2.5 का वार्षिक औसत 144 माईक्रोग्राम प्रतिघन मीटर बताया गया है. जो वर्ष 2008 से 2013 के आंकड़ो पर आधारित है. छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने रायपुर को प्रदूषण मुक्त बनाये जाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और प्रदूषण मुक्त शहर बनाने के लिये एक ठोस दीर्घकालीन कार्ययोजना लागू की गई है, जिसके फलस्वरूप पार्टिकुलेट मैटर 2.5 का वार्षिक औसत जो डब्ल्यू.एच.ओ. के रिपोर्ट में 144 माईक्रोग्राम प्रतिघन मीटर बताया गया है, घटकर वर्ष 2015-16 में 49.33 माईक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रह गया है, जिसे आगामी वर्षों में निर्धारित 40 माईक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर में लाने के लिये कड़े निर्देश दिये गये है.
श्री सिंह ने बताया कि शहर को स्वच्छ पर्यावरण उपलब्ध कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और पर्यावरण नियंत्रण के क्षेत्र में तेजी से विकसित हो रहे टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन को राज्य में लागू करने के लिये देश की ख्याति प्राप्त इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मुम्बई और खड़गपुर को समग्र अध्ययन कर राज्य के लिये उचित टेक्नोलॉजी चिन्हाकित करने का कार्य सौंपा गया है. श्री सिंह ने बताया कि उनकी रिपोर्ट का परीक्षण कर राज्य की आवश्यकता के अनुरूप पर्यावरण संरक्षण मंडल मंत्री डॉ. रमन सिंह के मार्गदर्शन और पर्यावरण मंत्री राजेश मूणत के नेतृत्व में जनभागीदारी के साथ राज्य के नागरिकों को स्वच्छ पर्यावरण उपलब्ध कराने के लिये हमेशा प्रतिबद्ध रहेगा.
पर्यावरण प्रदूषण निवारण की दीर्घकालिक योजना
1 शहरी क्षेत्रों में वाहन से प्रदूषण सबसे अधिक होता है, अतः प्रदेश के सभी बड़े शहरों में वाहनों की सघन जांच कर पर्यावरण के मापदंडों पर कड़ाई से पालन किया जायेगा, जिसके अंतर्गत आयु पूर्ण कर चुके पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की भी कार्ययोजना है. शहर के महत्वपूर्ण स्थलों पर वाहनों की जांच की जाएगी. पर्यावरण मापदंडों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कड़ाई की जाएगी.
2 औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिये ऑनलाईन मॉनिटरिंग लागू कर दी गई है. लगातार उल्लंघन पाये जाने पर संबंधित उद्योग को जारी संचालन सम्मति निरस्त कर उद्योगों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी.
3 दैनिक जीवन में ऊर्जा की आवश्यकता के लिये उपयोग में लाये जा रहे जलाऊ लकड़ी/मिट्टी तेल/बायोमास के स्थान पर प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत् एल.पी.जी के उपयोग को प्रोत्साहित किया जायेगा ताकि सामान्य नागरिकों को स्वच्छ पर्यावरण प्राप्त हो सके.
4 भवन निर्माण में पर्यावरण नियमों का पालन कड़ाई से किया जायेगा, ताकि निर्माण के कारण आसपास के क्षेत्र को धूल रहित किया जा सके, इस हेतु क्षेत्रीय कार्यालयों को दिशानिर्देश जारी कर दिये गये है.
5 रायपुर शहर में तेजी से कार्पोरेट अस्पतालों का विस्तार हो रहा है, अतः चिकित्सा उपचार/अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट, उद्योगों से निकलने वाले ठोस अपशिष्ट के सुरक्षित भण्डारण एवं विनिष्टीकरण के लिये दीर्घकालीन कार्ययोजना बनाकर अपशिष्ट का सुरक्षित पर्यावरण मापदंडों के अनुरूप विनिष्टीकरण किया जा रहा है.
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