सरकारी कॉलेज को एमडीएस नहीं
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एकमात्र सरकारी डेंटल कॉलेज को एक बार फिर स्नातकोत्तर की पढ़ाई की मंजूरी नहीं मिली है. पिछली छह महीने में यह दूसरा अवसर है, जब डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने सरकारी डेंटल कॉलेज को मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी के लिये मान्यता देने से इंकार किया है. राज्य बने 13 साल हो गये लेकिन राज्य शासन डेंटल की स्नातकोत्तर पढ़ाई शुरू करने में असफल रहा है. इसके उलट राज्य के 5 में से 4 निजी डेंटल कॉलेजों में डेंटल की स्नातकोत्तर पढ़ाई की सुविधा है. ये और बात है कि डेंटल की स्नातकोत्तर पढ़ाई के लिये इन निजी कॉलेजों में 15 लाख रुपये तक की रकम खर्च करनी पड़ती है.
डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया का कहना है कि मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी के लिये सरकारी डेंटल कॉलेज के पास न तो पर्याप्त अधोसंरचना है और ना ही पर्याप्त प्रशिक्षित कर्मचारी. ऐसे में मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी की मान्यता देना संभव नहीं है.
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में भी डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने सरकारी डेंटल कालेज को आवश्यक संसाधनों व कर्मचारियों को जुटाने और उन्हें उन्नत करने के निर्देश दिये थे. इसके लिये फरवरी तक का समय दिया गया था लेकिन डेंटल कॉलेज लगभग 6 महीने में भी इस दिशा में कोई भी कदम उठाने में असफल रहा. पिछले महीने जब डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया की जांच समिति ने डेंटल कॉलेज का दौरा किया तो पाया कि स्थितियां जस की तस हैं. उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों का दावा है कि अगले वर्ष तक स्थितियां सुधर जाएंगी और सरकारी डेंटल कॉलेज को एमडीएस की मान्यता भी मिल जायेगी.